इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Schools And Colleges) : उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने युवाओं के लिए स्कूलों और कॉलेजों में सामुदायिक सेवा को अनिवार्य करने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं में देखभाल की भावना पैदा होगी। उक्त बातें नायडू ने इस्कॉन के संस्थापक की आत्मकथा ‘सिंग, डांस एंड प्रे: द इंस्पीरेशनल स्टोरी आॅफ श्रील प्रभुपाद’ के विमोचन के अवसर पर कही।

सार्वभौमिक मूल्यों को करना चाहिए संरक्षित

उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता एकता, शांति और सामाजिक सदभाव के सार्वभौमिक मूल्यों पर आधारित है। हमें सदियों पुराने इन मूल्यों को संरक्षित करने एवं प्रसारित करने के लिए आध्यात्मिक पुनर्जागरण की आवश्यकता है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि युवा महान संत और श्रील प्रभुपाद जैसे आध्यात्मिक नेताओं से प्रेरणा लें और बेहतर इंसान बनने के लिए अनुशासन, कड़ी मेहनत, संयम और सहानुभूति वाले गुणों को ग्रहण कर अपने जीवन को विकसित करें।

एकता, सद्भावना और शांति के लिए युवा करें काम

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आपको जाति, लिंग, धर्म और क्षेत्र की संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठकर समाज में एकता, सद्भावना और शांति के लिए काम करना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने श्रील प्रभुपाद को समतावादी विचार का अगुवा बताया और कहा कि प्रभुपाद ने उन लोगों को गले लगाया जिन्हें समाज ने अलग कर दिया था और उनकी जिंदगियों में खुशी लेकर आए।

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