India News (इंडिया न्यूज़), SEBI On Market Manipulation: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को संसद सदस्यों के एक समूह द्वारा लगाए गए आरोप के अनुसार बाजार में हेरफेर या अंदरूनी व्यापार का कोई सबूत नहीं मिला है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सेबी को एग्जिट पोल के दिन बाजार में हेरफेर या अंदरूनी व्यापार का कोई सबूत नहीं मिला। सेबी ने सभी बाजार अवसंरचना संस्थानों से डेटा मांगा है। सेबी ने डेटा का विश्लेषण किया और कुछ नहीं पाया।

विपक्ष ने लगाया था आरोप

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने सेबी को पत्र लिखकर जांच करने को कहा था कि क्या भाजपा और पोलिंग एजेंसियों ने एग्जिट पोल के जरिए शेयर बाजारों में हेरफेर किया है। गोखले का अनुरोध 3 जून, 2024 को एग्जिट पोल के नतीजे जारी होने के बाद बाजार की गतिविधि से उपजा है। जिसमें शेयर की कीमतों में उछाल देखा गया। हालांकि, 4 जून, 2024 को बाजार में तेज गिरावट आई, जिसके परिणामस्वरूप निवेशकों को 31 ट्रिलियन रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। गोखले ने बताया कि दोनों दिनों में बाजार का व्यवहार असामान्य था और उन्होंने संकेत दिया कि शेयर बाजार को प्रभावित करने के लिए एग्जिट पोल में हेरफेर किया जा रहा है।

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लोकसभा परिणाम की वजह से भारी नुकसान

बता दें कि सेबी को लिखे अपने पत्र में उन्होंने सुझाव दिया कि एक पक्षपातपूर्ण एग्जिट पोल शेयर बाजार में संभावित हेरफेर का संकेत देता है। साथ ही 3 जून को लाभ कमाने वाली संस्थाओं या निवेशकों की जांच करने का आह्वान किया। एग्जिट पोल के औसत ने एनडीए को लगभग 367 सीटें जीतने का पूर्वानुमान लगाया था। जिसके कारण 3 जून को सेंसेक्स और निफ्टी में 3% से अधिक की वृद्धि हुई। हालांकि, एनडीए को केवल 293 सीटें मिलने के कारण, 4 जून को बाजार में 6% की गिरावट आई।

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