India News ( इंडिया न्यूज़ ) Serbia Kosovo Conflict : रूस और यूक्रेन की जंग के बीच अब यूरोप के ही दो अन्य देश युद्ध की तैयारियों में जुट हुए हैं। हम बात कर रहे है कोसोवो और सर्बिया की। कोसोवो के पास नाटो का पूरा समर्थन है। वहीं, सर्बिया की बात करें तो यह रूस के साथ अच्छे संबंध बना रहा है। दोनों ही देश नाटो में शामिल होना चाहते थे, लेकिन रूस ऐसा नहीं चाहता। हाल ही में नाटो ने कहा कि वह पड़ोसी सर्बिया के साथ बढ़ते तनाव के परिणामस्वरूप उत्तरी कोसोवो में अपनी शांति स्थापना बढ़ा रहा है।

कोसोवो के प्रधानमंत्री ने कही ये बात

बता दें, कोसोवो के पीएम अल्बिन कुर्ती ने कहा, “हमें नाटो की बहुत ज़रूरत है क्योंकि सर्बिया के साथ सीमा काफी लंबी है और सर्बियाई सेना ने हाल ही में अपनी क्षमताओं को मजबूत किया है। जिसमें उन्होंने कहा, “उनके (सर्बिया) पास रूसी संघ और चीन दोनों के बहुत सारे सैन्य उपकरण हैं। बता दें कि कोसोवो ने 2008 में स्वतंत्रता की घोषणा की थी, लेकिन बेलग्रेड और मॉस्को ने इसे मान्यता देने से इनकार कर दिया।

जानिए क्या है मामला

यूरोपीय संघ और अमेरिका ने कोसोवो और सर्बिया के बीच स्थायी शांति स्थापित करने के लिए सालों से प्रयास किया है। लेकिन उत्तरी कोसोवो में हमेशा तनाव की स्थिति बनी रहती है। समझौते बावजूद भी यहां दोनों देश की झड़प की खबर आती रहती है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यहां अधिकांश आबादी सर्बियाई है। जो इस झड़प की सबसे बड़ी वजह है।

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