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Shambhu Border Drone Kite: किसानों का देसी जुगाड़, पतंग से किया ड्रोन का मुकाबला

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : February 15, 2024, 10:08 am IST

India News (इंडिया न्यूज), Shambhu Border Drone Kite: शंभू बॉर्डर पर किसानों और जवानों के बीच संघर्ष लगातार जारी है। जो कि अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जाने के लिए अड़े किसानों को रोकने के लिए पुलिस हर संभव कदम उठा रही है। किसानों पर आंसू गैस छोड़ने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। पुलिस के इस ड्रोन को रोकने के लिए किसानों ने भी अनोखी तरकीब अपनाई है, जिसका वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दिखाया गया कि किसान ड्रोन से निपटने के लिए पतंगे उड़ा रहे हैं।

किसानों पर बरसाया गया ड्रोन आंसू गैस 

पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान मौजुद हैं। ये किसान अपने कई मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली की ओर मार्च करने की कोशिश में बैरिकेड को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे। हरियाणा पुलिस ने बीते मंगलवार को उन किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने के लिए एक ड्रोन को तैनात किया था। वहीं इसको लेकर किसानों ने दावा किया कि, जब वे पंजाब क्षेत्र के अंदर खड़े थे तो ड्रोन ने उन पर कई आंसू गैस के गोले गिराए गए। इस ड्रोन को कंट्रोल करने के लिए किसानों ने एक अनोखी तरकीब अपनाई और वह पतंगे उड़ाने लगे। इसके बाद ड्रोन को वहां से पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ गया।

ड्रोन पर पंजाब पुलिस ने जताई आपत्ति

पंजाब के अधिकारियों ने शंभू सीमा पर अपने क्षेत्र में आंदोलन कर रहे किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने के लिए हरियाणा के द्वारा ड्रोन के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई है। जहां एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीते बुधवार को यह जानकारी दी है कि पंजाब के पटियाला के डिप्टी कमिश्नर शौकत अहमद पर्रे ने अंबाला के डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिखते हुए कहा है कि वे अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर पंजाब की सीमा के अंदर अपने ड्रोन न भेजें। इसके साथ ही पार्रे ने कहा कि अंबाला के अधिकारियों के समक्ष मामला उठाए जाने के बाद उन्होंने अब सीमा पर ड्रोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है।

क्या है सरकार की मांग

वहीं, किसानों और केंद्र सरकार के बीच तीसरे दौर की बातचीत भी आज होने वाली है। इसमें सरकार की तरफ से तीन केंद्रीय मंत्री इसमें हिस्सा लेंगे। हालांकि, किसान संगठन का कहना है कि वे सरकार के दबाव में नहीं आएंगे और अपनी सभी मांगें मनवाकर रहेंगे। गौरतलब है कि किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और कृषि श्रमिकों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, पुलिस मामलों को वापस लेने और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’ की भी मांग कर रहे हैं।

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