India News (इंडिया न्यूज़), Siddaramaiah Oath, दिल्ली: दक्षिण का द्वार कहे जाने वाले कर्नाटक में कांग्रेस नेता सिद्धरमैया कल यानी 20 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। सिद्धरमैया के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी जोर-शोर से शुरू हो चुकी है। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस ने देशभर की तमाम पार्टियों के नेताओं को निमंत्रण भेजा है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तेलंगाना के सीएम केसीआर को न्योता नहीं भेजा है। वहीं, शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन आज शाम बेंगलुरु रवाना होंगे। स्टालिन को शपथ समारोह में शामिल होने का न्योता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भेजा था और वह एक निजी विमान से आज शाम बेंगलुरु के लिए उड़ान भरेंगे।
कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, नेशनल कांफ्रेस के नेता फारूक अब्दुल्ला, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया गया है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती, भारत राष्ट्र समिति के प्रमुख केसीआर और आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल को न्यौता नहीं भेजा गया है। बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को भी आमंत्रित नहीं किया गया है। पश्चिम बंगाल राज्य सचिवालय से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि ममता बनर्जी सिद्धरमैया के शपथ ग्रहण समारोह से दूर रह सकती हैं और वह अपने स्थान पर किसी प्रतिनिधि को भेज सकती हैं। कांग्रेस विपक्ष के प्रमुख नेताओं को आमंत्रित करके विपक्षी एकजुटता का संदेश देने की तैयारी में है।
कांग्रेस शपथ ग्रहण के मौके पर विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास कर रही है। अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और जनता दल (यूनाइटेड) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता का प्रयास कर रहे हैं। इस प्रयास के तहत खरगे कई विपक्षी नेताओं से बात और मुलाकात कर चुके हैं। दूसरी तरफ नीतीश कुमार भी कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर एक मंच पर आने की सलाह दे चुके हैं।
कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल किया था, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) को क्रमश: 66 और 19 सीटों से संतोष करना पड़ा था।
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