India News(इंडिया न्यूज), Sikkim Flood, New Delhi: उत्तरी सिक्किम में कुदरत भीषण तबाही मचा रही है। यहां बुधवार को अचानक बादल फटने के बाद आई बाढ़ (Sikkim Flash Flood) ने तांडव मचा रखा है। इस कारण शुक्रवार को पड़ोसी राज्य बंगाल के जलपाईगुड़ी और कूच बिहार में तीस्ता नदी के निचले हिस्से में छह और शव बहकर आ गए। जिसके बाद मृतकों की संख्या 44 हो गई है। सिक्किम के नामची और पाकयोंग जिलों की बात करें तो यहां के आंकड़े डराने वाले हैं जिसके अनुसार लापता लोगों की सूची रातों रात लगभग दोगुनी होकर 142 हो चुकी है। जो कि गुरुवार देर रात तक यह संख्या 78 पर अटकी थी। सिक्किम सरकार की ओर से कहा गया है कि बादल फटने के बाद एक ग्लेशियर झील में आई बाढ़ के तीसरे दिन तीस्ता नदी के निचले बहाव की ओर पाए गए सभी छह शव पाकयोंग के रहने वाले लोगों के हैं।

हर कोशिश नाकाम

सच ही कहा जाता है हम कुदरत से नहीं जीत सकते हैं। ये जब अपने पर आती है तो सब तबाह कर जाती है। जिसका जीता जागता उदाहरण अभी सिक्कीम है। अचानक आई त्रासदी में कई लोग लापता हैं। उनकी खोजबीन के लिए और लाचेन, लाचुंग और चुंगथांग में फंसे हुए लोगों को वहां से निकालने के लिए बचाव हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरने की कई बार कोशिश की लेकिन वह नाकाम रहें। जान लें कि इसके बाद यहां की पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हालात का जायजा लेने के लिए मंगन से चुंगथांग तक पैदल यात्रा की थी। अधिकारी की मानें तो हेलीकॉप्टर तैयार थे, लेकिन उड़ान भरने के लिए परिस्थितियां सही नहीं हैं।

चार शव सैनिकों के बरामद

सेना की ओर से शुक्रवार इसकी जानकारी दी गई थी कि  बाढ़ की आपदा के एक दिन बाद पाए गए कम से कम चार शव सैनिकों के हैं। बता दें कि सेना के 22 जवान तीस्ता बेसिन के साथ लगे शिविरों से बाढ़ आने के बाद आधिकारिक तौर पर लापता हैं।

4 लाख मुआवजे का ऐलान

मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने बाढ़ में मरने वाले लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है। जो लोग राहत शिविरों में अभी शरण लिए हुए हैं। उनमें से हर एक को 2,000 रुपये की तत्काल राहत दी जाएगी। राज्य सरकार के अनुसार करीब 2,413 लोगों को खतरे की जगहों से बचाया गया है। जो कि अभी राहत शिविरों में रह रहे हैं।

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