उत्तराखंड। Sinking Joshimath: जोशीमठ भू-धंसाव हर रोज गंभीर रूप लेती जा रही है। अबतक 700 से ज्यादा घर इसके चपेट में आ चुके हैं। स्थानीय प्रशासन और आपदा टीम ने लोगों को राहत केंद्र में जाने का अनुरोध किया है। बीते दिन पीएमओ के मुख्य सचिव डॉ पी के मिश्रा की ओर से विशेष अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई। बैठक में स्थानीय डीएम भी मौजूद रहे। पीएम ने भी उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी से बातचीत कर स्थिति की जानकारी ली है और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। आज आपदा विभाग की विशेष टीम जोशीमठ पहुंचकर स्थिति का जायजा लेंगे। 

लोगों से राहत केंद्रों में जाने का अनुरोध

आज सुबह से ही स्थानीय डीएम व आपदा विभाग की टीम घटना पर मौजूद रही। चमोली डीएम हिमांशु खुराना ने जानकारी देते हुए कहा है कि हमलोगों ने एक-एक कर घरों का जायजा लिया है। 603 ऐसे घर सामने आएं हैं जिसमे दरारें देखी गई है। 68 परिवरों को अस्थाई तौर पर सुरक्षित जगह शिफ्ट किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि  ‘जोशीमठ क्षेत्र को आपदा संभावित घोषित किया गया है। जल शक्ति मंत्रालय की एक टीम सहित केंद्र सरकार की दो टीमें यहां पहुंच रही हैं। जोशीमठ और आसपास के इलाकों में निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है। राहत और खाद्य समाग्री लोगों तक पहुंचाई जा रही है।’ 

तस्वीरें डराने वाली, आस-पास के लोग भी सहमे

यह घटना काफी गंभीर है। जमीन धंसने के बाद जो तस्वीरें सामने आ रही है उसे देख लोग सहम जा रहें हैं। जीवन भर की मेहनत से बनाई घर अगर एक झटके में आपको छोड़ना पड़े तो ये कितना पीड़ादायक होता है इस दर्द को हम सभी समझ सकते हैं। एक परिवार से जब पूछा गया कि प्रशासन आपको यह घर छोड़ने के लिए कह रही है तो वो जवाब देते हुए भावुक हो गए, आखों से आंसू निकल आए, बोले- अपनी तीन बेटी को इसी घर से विदा किया है, जिसके बाद फूट-फूट कर रोने लगे। जोशीमठ के लोगों के लिए यह दिन काफी पीड़ादायक है।