अभिषेक शर्मा, मुंबई: पुणे के बंडगार्डेन पुलिस स्टेशन अंतर्गत 23 सितंबर को पीएफआई द्वारा पाकिस्तान जिंदाबादका के नारे के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है। पुणे पुलिस ने आईपीसी की धारा 109, 153 ए, 153 बी और 120बी
के तहत यह मामला दर्ज किया है।
आईपीसी की धारा 109 का मतलब अपराध के लिए उकसाने व धारा 153 ए का मतलब “दो अलग-अलग समुदायों के बीच धर्म, जाति, जन्मस्थान, भाषा आदि के आधार पर नफरत फैलाने के उद्देश्य से किए गए किसी भी चीज (बोल कर या लिखित में या सांकेतिक तौर पर) पर ये धारा लगाई जाती है। इसके तहत 3 साल से लेकर 5 साल की सजा का प्रावधान है। ये गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आता है।
धारा 153 (बी) तब लगाई जाती है जब राष्ट्रीय एकता के खिलाफ प्रभाव डालने वाले भाषण देना या लांछन लगाना जैसी बात कही गई हो। यह भी अजमानतीय है (नॉन बेलेबल), और संज्ञेय है। इसमें 3 साल की जेल और जुमार्ना दोनों हो सकते हैं। यदि ऐसा अपराध सार्वजनिक पूजा स्थल पर किया जाए, तो यह अपराध गंभीर हो जाता है।
बता दें की पुणे पुलिस ने पहले इस घटना को दबाने का प्रयास किया था लेकिन जब चौतरफा विरोध हुआ तब महाराष्ट्र के उट एकनाथ शिंदे ने हस्तक्षेप किया और इस पर ऐक्शन लेने के लिए आदेश दियाङ्घ उसके बाद गृह मंत्री देवेंद्र फडनविस ने भी ऐक्शन लेने के आदेश दिए थे।
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