India News (इंडिया न्यूज), UP Latest News : आज के समय में लोगों के अंदर ऐसी मानसिकता बैठ गई है कि सरकारी दफतरों में जब तक रिश्वत नहीं दी जाती तब तक काम आगे नहीं बढ़ता है। लेकिन यूपी के महाराजगंज जिले में के एआरटीओ आरसी भारती ने न केवल लोगों की इस मानसिकता को बदलने वाला काम किया है। बल्कि ये उनके उनके मानवीय संवेदनाओं को दर्शाता है। असल में महाराजगंज जिले की है, जहां सिंहपुर ताल्ही गांव का विजय कुमार अपने पिता राजकुमार के ऑटो का भारी भरकम ₹24,500 का चालान भरने के लिए एआरटीओ कार्यालय पहुंचा थी।

पिता राजकुमार पेशे से ऑटो चालक हैं और उनकी दृष्टि भी कमजोर है। चालान के लिए भारी राशि भरने के लिए अपनी मां का मंगलसूत्र बेच दिया। जिससे वह सिर्फ ₹13,000 ही जुटा सका। लेकिन यह राशि भी पूरी रकम के लिए नाकाफी थी। जब वह अधूरी रकम लेकर एआरटीओ कार्यालय पहुंचा तो उसकी परेशानी और बेबसी साफ झलक रही थी।

अधकटी लाशों के मातम से ठीक पहले ‘चायवाला’ कैसे बना था यमराज? लीक हो गई सारी चालबाजी, मिल गया 13 गंदी मौतों का गुनहगार

एआरटीओ कार्यालय में जब आरसी भारती ने विजय को परेशान देखा तो उन्होंने उसे अपने पास बुलाया और उसकी परेशानी का कारण पूछा। इसके बाद विजय ने अपनी पूरी स्थिति बताई, जिससे आरसी भारती का दिल पिघल गया। उन्होंने न केवल विजय की बात ध्यान से सुनी, बल्कि उसकी मजबूरी को भी समझा।

खुद भरी चालान की पूरी राशि

पूरा मामला जानने के बाद आरसी भारती ने अपनी सैलरी से खुद चालान की पूरी राशि जमा कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने ऑटो का इंश्योरेंस भी करवाया, जिससे आगे किसी भी परेशानी से बचा जा सके। यह देखकर वहां मौजूद अन्य कर्मचारी और लोग भी भावुक हो गए और सभी ने एआरटीओ की प्रशंसा की। पढ़ाई पर पुछने पर विजय कुमार ने बताया कि वह हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी नहीं कर सका था, क्योंकि फेल होने के बाद आर्थिक स्थिति ने उसे मजदूरी करने पर मजबूर कर दिया। अब आरसी भारती ने विजय की पढ़ाई का खर्च भी उठाने की पेशकश की है।

जो कोई भी एआरटीओ की ये खबर पढ़ रहा है वो उनकी जमकर तारीफ कर रहा है। आरसी भारती ने विजय के परिवार वालों की मदद करके ये बात साबित कर दी है कि दुनिया में आज भी इंसानियत जिंदा है।

सुभाष चंद्र बोस को घोषित करें ‘राष्ट्रपुत्र’, ओडिशा हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका पर जज ने क्या कहा?