India News (इंडिया न्यूज), Soumya Vishwanathan: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे चार दोषियों को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत सिंह मलिक और अजय कुमार की सजा को उनकी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देने वाली अपीलों के लंबित होने तक निलंबित कर दिया।

पीठ ने कहा कि दोषी 14 साल से हिरासत में हैं। उच्च न्यायालय ने 23 जनवरी को दिल्ली पुलिस से चारों दोषियों द्वारा दायर अपील पर जवाब देने को कहा था।

2008 का है मामला

एक प्रमुख अंग्रेजी समाचार चैनल में काम करने वाली सौम्या विश्वनाथन की 30 सितंबर, 2008 की सुबह दक्षिणी दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह अपनी कार में काम से घर लौट रही थीं।

पांच लोगों- रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को उसकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और मार्च 2009 से हिरासत में हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाया था।

मलिक और दो अन्य यानी कि रवि कपूर और अमित शुक्ला को पहले 2009 में आईटी कार्यकारी जिगिशा घोष की हत्या में दोषी ठहराया गया था। पुलिस ने कहा कि जिगिशा घोष की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी से विश्वनाथन की हत्या के मामले का खुलासा हुआ।

मिली थी आजीवन कारावास और मौत की सजा

ट्रायल कोर्ट ने 2017 में जिगिशा घोष हत्या मामले में कपूर और शुक्ला को मौत की सजा और मलिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि, अगले साल, उच्च न्यायालय ने कपूर और शुक्ला की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था और आजीवन कारावास को बरकरार रखा था।
इंडिया टुडे में काम करने वाली 25 वर्षीय सौम्या विश्वनाथन 15 साल पहले 30 सितंबर 2008 को दक्षिणी दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर अपनी कार में मृत पाई गई थीं। मामले में सफलता 2009 में बीपीओ कर्मचारी घोष की हत्या की जांच के दौरान मिली थी। जब एक आरोपी ने सौम्या की हत्या में भी शामिल होने की बात कबूल कर ली।