India News (इंडिया न्यूज), Pragya Thakur: मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत ने मंगलवार को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी भाजपा नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ कार्यवाही में शामिल नहीं होने पर जमानती वारंट जारी किया है। विशेष न्यायाधीश ए.के. लाहोटी ने कहा कि मामले में अंतिम बहस चल रही है और आरोपी की उपस्थिति जरूरी है। उन्होंने प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ 10,000 रुपये का जमानती वारंट जारी किया है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, वारंट 13 नवंबर तक वापस किया जाना है, जिसका मतलब है कि ठाकुर को तब तक अदालत में पेश होना होगा और इसे रद्द कराना होगा।

प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने अदालत में दी ये दलील

भाजपा नेता के वकील ने विशेष एनआईए अदालत से उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए उन्हें पेश होने के लिए उचित समय देने का अनुरोध किया। लेकिन अदालत ने कहा कि आरोपी प्रज्ञा ठाकुर 4 जून से अदालती कार्यवाही में शामिल नहीं हुई हैं। विशेष न्यायाधीश ने कहा कि बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने के आधार पर छूट के उनके पिछले आवेदनों पर समय-समय पर विचार किया गया है। पेश होने के लिए समय मांगने की उनकी याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा, “आज, आवेदन के साथ चिकित्सा प्रमाण पत्र की एक फोटोकॉपी भी दायर की गई है, जिसमें दिखाया गया है कि वह आयुर्वेदिक उपचार ले रही हैं, लेकिन मूल प्रमाण पत्र संलग्न नहीं है।”

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क्या है मामला?

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, 29 सितंबर, 2008 को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर उत्तर महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर रखे बम के फटने से छह लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और पाँच अन्य पर विस्फोट की साजिश में कथित संलिप्तता के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत मुकदमा चल रहा है। बतातें चलें कि मामले की जांच शुरू में महाराष्ट्र एटीएस ने की थी और 2011 में यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया गया था।

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