नई दिल्ली। जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा(JDU leader Upendra Kushwaha) को लेकर इन दिनों पार्टी छोड़ने की अटकलें तेज हो चुकी है। वर्तमान में कुशवाहा बिहार की सत्ताधारी दल जनता दल यूनाइटेड( जदयू) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं। उपेंद्र कुशवाहा पिछले दिनों दिल्ली के एम्स में अपने रुटीन चेकअप के लिए अस्पताल पहुंचे हैं। इस दौरान कुशवाहा से बिहार भाजपा के 3 नेता प्रेम रंजन पटेल, संजय सिंह टाइगर और योगेंद्र पासवान ने उनसे मुलाकात की। तस्वीर को सोशल मीडिया पर साझा किया गया। जिसके बाद से उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें शुरू हो गई।
कुशवाहा को मंत्री पद मिलने की थी उम्मीद
बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने इससे पहले भी जदयू से बाहर निकल अपनी स्वयं की पार्टी बनाई। हालांकि उम्मीद के अनुसार परिणाम सामने नहीं आए। जिसके बाद पिछले साल उन्होंने अपनी पार्टी का विलय जदयू के साथ कर दिया। जब दोबारा से राजद- जदयू गठबंधन की सरकार सत्ता में आई तो कुशवाहा को मंत्री बनाए जाने की उम्मीद थी लेकिन ऐसी हुआ नही। तब से ही उपेंद्र कुशवाहा जदयू या कह लें सीएम नीतीश कुमार से नाजाज चल रहें हैं। हाल में उनके भाजपा नेताओं से मुलाकात ने जदयू छोड़ने की अटकलों को तेज कर दिया है।
भाजपा को कुशवाहा जैसे व्यक्ति की तलाश
भारतीय जनता पार्टी लंबे वक्त से बिहार में ऐसे चेहरे की तलाश कर रही है जिसका पूरे बिहार में प्रभाव हो। पिछले दिनों जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व नीतीश के करीबी माने जाने वाले रामचंद्र प्रसाद सिंह सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर नजर आए। बताया जाता है कि रामचंद्र सिंह का भाजपा नेताओं के साथ नजदीकियां बढ़ गई थी। हालांकि कुछ ही समय बाद जदयू ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। अब कुशवाहा के बारे में कहा जा रहा है कि वह भी जनता दल यूनाटेड से किनारा कर भाजपा का दामन थाम सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने की योजना बनाई है। यहां बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा का पिछड़ी जाति कुर्मी और कोयरी समुदाय पर खासा पकड़ है, क्योंकि वह खुद इस जाति से आते हैं।