(दिल्ली) : दिल्ली में पहलवानों के धरने और यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। मंत्रालय ने कुश्ती संघ के अतिरिक्त सचिव विनोद तोमर को सस्पेंड कर दिया है। बता दें, इस विवाद के दौरान विनोद तोमर ने WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष में बयान दिया था। तोमर ने कहा था कि फेडरेशन के ज्यादातर लोग बृजभूषण के साथ हैं, निजी तौर मुझे पहलवानों के आरोप सही नहीं लगते।

मैं बृजभूषण सिंह के साथ 12 सालों से जुड़ा हुआ हूं, वो ऐसे नहीं हैं। खिलाड़ियों के आरोप निराधार हैं। 3-4 दिन हो गए हैं और उन्होंने अभी तक कोई सबूत पेश नहीं किया है। बताया जा रहा है कि तोमर ने शनिवार शाम ही बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष में बयान दिया था, इसी वजह से उन पर कार्रवाई की गई है।

विरोध के पीछे पर्सनल एजेंडा

बता दें , खेल मंत्रालय के नोटिस पर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) ने बयान दिया है। फेडरेशन की ओर से कहा गया है कि ‘प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ी अपने निजी हित के लिए WFI को बदनाम कर रहे हैं। विरोध के पीछे उनके पर्सनल एजेंडे हैं। WFI में अध्यक्ष या कोई भी मनमानी नहीं कर सकता है। यहां कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है।’

पहलवानों का धरना हुआ खत्म

वहीं, भारतीय कुश्ती फेडरेशन (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का तीन दिन से जारी धरना शुक्रवार देर रात 1 बजे खत्म हो गया। ये फैसला खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और पहलवानों के बीच 7 घंटे चली मीटिंग के बाद लिया गया। अनुराग ठाकुर ने बताया एक जांच समिति का गठन किया जाएगा। यह 4 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगी। इसके सदस्यों की घोषणा शनिवार को होगी।

अनुराग ठाकुर ने बताया कि जांच पूरी होने तक बृजभूषण सिंह फेडरेशन का काम नहीं देखेंगे। यह समिति ही WFI के कामकाज पर नजर रखेगी। बृजभूषण ने जांच में सहयोग करने का आश्वासन दिया है। उधर, पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा, ‘केंद्रीय खेल मंत्री ने हमारी मांगों को सुना और उचित जांच का आश्वासन दिया। मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। हमें उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच होगी, इसलिए हम धरना खत्म कर रहे हैं।’