इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (State Police And ATS)। राज्य पुलिस और एटीएस ने संयुक्त रूप से आतंकी फंडिंग में फंसी पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी मंगलवार को की गई। यह छापेमारी दिल्ली, यूपी समेत सात राज्यों में उनके कई ठिकानों पर की गई। इस दौरान पीएफआई के 200 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार लोगों की संख्या अभी और बढ़ सकती है क्योंकि देर शाम तक कई राज्यों में कार्रवाई जारी थी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए के नेतृत्व में विभिन्न एजेंसियों ने 22 सितंबर को पीएफआई के खिलाफ 15 राज्यों में छापेमारी की थी और उसके 106 नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। एनआईए, पीएफआई की संलिप्तता वाले 19 मामलों की जांच कर रही है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने पीएफआई पर आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने और कट्टरता फैलाने के अलावा देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगाया है।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि कर्नाटक में सबसे ज्यादा 80 लोगों को सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार सबको शांतिभंग की आशंका में हिरासत में लिया गया है।
दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। ताकि किसी तरह की कोई कानूनी व्यवधान पैदा न हो। यहां से भी कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। कानून व्यवस्था को सुव्यवस्थित बनाये रखने के लिए जामिया इलाके में प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में आतंकवाद निरोधी दस्ते, स्पेशल टास्क फोर्स और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त रूप से 26 जिलों में छापेमारी कर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ दस्तावेज और सबूत एकत्र किए गए है। सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। यहां से 57 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
केंद्र सरकार पिछले एक साल से पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई को लेकर राज्यों से लगातार बात कर रही थी। असम, यूपी, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र समेत कई राज्य इस संगठन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं।
राज्य की एजेंसियां पीएफआई की गतिविधियों की जानकारी लगातार केंद्रीय गृह मंत्रालय को दे रही थीं। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार इनकी गतिविधियां तेजी से बढ़ती जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार गत माह गृहमंत्री अमित शाह इसे लेकर बड़ी बैठक की थी। इसके बाद पीएफआई पर लगाम लगाने के लिए कवायद शुरू की गई।
देश में आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े अधिकतर मामलों में कहीं न कहीं पीएफआई का हाथ सामने आ रहा था। एनआईए के अनुसार देशव्यापी प्रदर्शनों में पीएफआई के लोग काफी सक्रिय हो जाते हैं और राष्ट्रविरोधी तत्वों को मदद पहुंचाने के साथ ही उन्हें धन भी मुहैया कराते हैं। इनके सबूत भी मिल चुके हैं।
पीएफआई मुस्लिम मुस्लिम युवाओं को कट्टरता की ओर धकेल रही है। एनआईए और राज्य सरकार की एजेंसियां इसे लेकर काफी सतर्क हो गई हैं और एक साल में कई बार ऐसे मामलों में कार्रवाई भी की है। जब भी कोई ऐसा अवसर आता है तो युवाओं को लश्कर, जैश जैसे बड़े आतंकी संगठनों के साथ जोड़ने का काम पीएफआई कर रही है।
मुस्लिम युवाओं को ब्रेनवॉश करने के लिए बकायदा कई शहरों में पीएफआई प्रशिक्षण केंद्र खोल रखे है। इसका बकायदा सबूत भी मिला है। तेलंगाना में ऐसे कैंप पर भी छापेमारी की गई है। हालांकि, पीएफआई का कहना है कि वह मार्शल आॅर्ट्स और बचाव के लिए युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे है।
कर्नाटक 80, उत्तर प्रदेश 57, दिल्ली 30, महाराष्ट्र 25, असम 25, मध्य प्रदेश 21, गुजरात 10 आरोपियों को पकड़ा गया हैं।
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