India News (इंडिया न्यूज), Jammu and Kashmir Earthquake: जम्मू-कश्मीर के पुंछ इलाके में मंगलवार सुबह-सुबह तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। मिली जानकारी के मुताबिक यह भूकंप सुबह करीब 6.45 बजे आया था। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग जाग गए और लोग अपने घरों से बाहर भी निकल आए। हालांकि, किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। इसकी गहराई 5 किलोमीटर बताई जा रही है।

क्यों आता है भूकंप?

वैज्ञानिक तौर पर समझने के लिए हमें पहले धरती की संरचना को समझना होगा। धरती टेक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। इसके नीचे तरल लावा है और इस पर टेक्टोनिक प्लेट तैरती रहती हैं। कई बार ये प्लेट आपस में टकराती हैं। बार-बार टकराने से कई बार प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं और अधिक दबाव पड़ने पर ये प्लेट टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकल रही ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती है। जब इससे गड़बड़ी पैदा होती है तो भूकंप आता है।

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तीव्रता कैसे मापी जाती है?

भूकंप को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। रिक्टर स्केल भूकंप तरंगों की तीव्रता मापने का गणितीय पैमाना है, इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप को उसके केंद्र यानी उपरिकेंद्र से 1 से 9 तक के पैमाने पर मापा जाता है। यह स्केल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकलने वाली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है।

जानिए रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता के हिसाब से क्या हो सकता है असर:

  1. अगर रिक्टर स्केल पर 0 से 1.9 की तीव्रता वाला भूकंप आता है तो इसका पता सिर्फ सीस्मोग्राफ से ही लगाया जा सकता है।
  2. अगर रिक्टर स्केल पर 2 से 2.9 की तीव्रता वाला भूकंप आता है तो हल्का कंपन होता है।
  3. अगर रिक्टर स्केल पर 3 से 3.9 की तीव्रता वाला भूकंप आता है तो ऐसा असर होता है जैसे कोई ट्रक आपके पास से गुजर रहा हो।
  4. अगर रिक्टर स्केल पर 4 से 4.9 की तीव्रता वाला भूकंप आता है तो खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
  5. अगर रिक्टर स्केल पर 5 से 5.9 की तीव्रता वाला भूकंप आता है तो फर्नीचर हिल सकता है।
  6. अगर रिक्टर स्केल पर 6 से 6.9 की तीव्रता वाला भूकंप आता है तो इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है।

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