देश

कैसी थी खूंखार मुगल सेना की संरचना, जानिए अकबर-जहांगीर सैनिकों को कितनी देते थे तनख्वाह?

India News (इंडिया न्यूज़), Salary System in Mughal Era: आज के समय में सबकुछ होने के बाद भी ये हाल है तो मुगल काल में लोग कैसे रहते होंगे, जब खाने-पीने से लेकर जीवनयापन के पर्याप्त साधन नहीं थे। खास तौर पर मुगल राजाओं को अपनी सेना को रखने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता था। राजा अपनी सेना को वेतन के तौर पर कुछ पैसे देते थे और जरूरी सामान भी मुहैया कराते थे। ताकि उनकी सेना को किसी तरह की परेशानी न हो और युद्ध के लिए उनकी सेना मजबूत बनी रहे।

ऐसे में क्या आप जानते हैं कि मुगल शासन के दौरान कर्मचारियों और सैनिकों की सैलरी कितनी होती थी? दरअसल मुगल काल में कर्मचारियों को मनसबदार कहा जाता था। यह एक ऐसा समूह था जिसमें कई धर्मों के लोग शामिल होते थे। इसमें अफगान, भारतीय मुस्लिम, राजपूत और तुर्क भी शामिल थे। उन सभी के पास अपना-अपना काम था और जहां भी उनकी आवश्यकता होती थी, उन्हें वहां तैनात कर दिया जाता था।

उन्हें कितना वेतन मिलता था?

अगर मुगल काल में सैनिकों के वेतन की बात करें तो निचले रैंक के सैनिकों को ₹400 प्रति माह दिए जाते थे। हरम में तैनात नौकरानियों को ₹1500 प्रति माह दिए जाते थे। बाकी सैनिकों और कर्मचारियों को उनके पद के हिसाब से हर महीने वेतन दिया जाता था। वरिष्ठ सैनिकों को ज्यादा पैसे दिए जाते थे जबकि सेना में अधिकारियों को और भी ज्यादा वेतन दिया जाता था। सेना में सबसे ज्यादा वेतन सेनापति का होता था, जो हर राज्य में अलग-अलग होता था।

ममता को बनाओ…इंडिया गठबंधन में झगड़ा शुरू, इस मुद्दे पर कांग्रेस-ममता आई आमने-सामने

बीरबल और जहांगीर को कितना वेतन मिलता था?

बीरबल अकबर के दरबार के नौ रत्नों में से एक थे। अकबर बीरबल की हर सलाह का पालन करते थे और उसे लागू करने का आदेश भी देते थे, राज्य में किसी भी तरह की समस्या का समाधान बीरबल आसानी से कर देते थे। ऐसे में अकबर के दरबार में बीरबल की खास भूमिका थी। आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि बीरबल को कितना वेतन मिलता था? अकबर के शासनकाल में बीरबल को हर महीने 16000 रुपये मिलते थे। बीरबल अकबर के दरबार में सबसे ज़्यादा वेतन पाने वाले कर्मचारियों में से एक थे।

जबकि अकबर के राजकुमार सलीम (जहाँगीर) को वेतन के रूप में 700 चांदी के सिक्के दिए गए थे। चांदी के सिक्के राजकोष से वेतन के रूप में दिए जाते थे और राजकोष में पैसा राज्य के लोगों से एकत्र किए गए कर से आता था। मुगल शासन के दौरान हर साल राजकोष का मूल्यांकन किया जाता था।

फडणवीस का CM बनना तय! एकनाथ शिंदे को लेकर BJP की प्लान हुआ लीक, इस केंद्रीय मंत्री ने खोला राज

Preeti Pandey

Ms. Preeti Pandey I have 6 month of experience in journalism. I started my career with India News, where I am currently workig. My favorite beats are Dharam, Health,Entertainment, lifestyle. Apart from this, I can also write news on foreign affairs,tech, education.

Recent Posts

Bhota Hospital: भोटा अस्पताल पर हंगामा! सड़क जाम, लोगो ने किया जमकर हंगमा

India News (इंडिया न्यूज), Bhota Hospital: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के भोटा में स्थित…

10 minutes ago

UPSSSC Vacancy 2024: यूपी वासियों के लिए बड़ी सौगात! 12वीं पास वाले भी चमका सकते हैं किस्मत, जानें पूरी डिटेल

India News (इंडिया न्यूज), UPSSSC Vacancy 2024: उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की तैयारी कर…

13 minutes ago

IPL चीफ को सोनिया गांधी के घर से आते थे धमकी भरे कॉल, सालों बाद ललित मोदी ने किया शॉकिंग खुलासा, देश में मचा तहलका

Lalit Modi:आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी ने एक बड़े खुलासे में कांग्रेस सांसद शशि…

23 minutes ago

बांग्लादेश में हिंदुओं पर इस्लामिक कट्टरपंथियों का जुल्म जारी, चटगांव में 3 मंदिरों को बनाया निशाना

Temples Targeted in Bangladesh: बांग्लादेश में भड़की हिंसा मंगलवार (26 नवंबर) को हिंसक हो गईं,…

26 minutes ago