इंडिया न्यूज, नई दिल्ली

Supreme Court Air Pollution सुप्रीम कोर्ट ने देश में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर चिंता जताई है। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने बुधवार को कहा कि देश में हर दिन जश्न मनाए जाते हैं लेकिन जश्न में जो आतिशबाजी की जाती है यह परेशानी पैदा करने वाली बात है।

उन्होंने कहा, हम लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। अस्थमा के मरीजों से पूछो, क्या परेशानी होती है। बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं। लोग अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहे हैं। जश्न तो ठीक है, हमें अन्य मुद्दों पर भी विचार करने की जरूरत है। शीर्ष अदालत ने ये मौखिक टिप्पणियां पटाखा निमार्ताओं के खिलाफ अवमानना याचिका और वायु प्रदूषण से संबंधित मामलों पर सुनवाई के दौरान की। अगली सुनवाई छह अक्टूबर को होगी।

Supreme Court Air Pollution प्रतिबंध लगाने के बाद भी बेरियम साल्ट यूज किया

सुप्रीम कोर्ट ने करीब आधा दर्जन पटाखा निमार्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों नहीं उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही की जानी चाहिए? उन पर अदालती आदेश के उल्लंघन के आरोप हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई, चेन्नई के संयुक्त निदेशक की रिपोर्ट पर गौर करने पर पाया कि करीब एक दर्जन पटाखा निमार्ताओं ने प्रतिबंधित बेरियम और बेरियम साल्ट का इस्तेमाल किया है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बेरियम पर प्रतिबंध लगाने के बाद जमकर इनकी खरीदारी की गई। इसके अलावा पीठ ने यह भी पाया कि पटाखों में किसी अन्य चीजों का इस्तेमाल किया गया जबकि बाहरी लेवल पर कुछ और लिखा था।

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