India News (इंडिया न्यूज), Supreme Court Building: सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें केंद्र सरकार और शीर्ष अदालत रजिस्ट्री को सुप्रीम कोर्ट की इमारत को ध्वस्त न करने और इसके बजाय किसी अन्य स्थान पर नई इमारत बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि भारत का सर्वोच्च न्यायालय भवन भारत की आजादी के बाद निर्मित महत्वपूर्ण स्मारक भवनों में से एक है और वर्तमान में निजी संपत्तियों में किराये के आधार पर काम करने वाली कई अदालतें, न्यायाधिकरण और सरकारी प्रतिष्ठान वहां रह सकते हैं। याचिकाकर्ता केके रमेश ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट की इमारत को गिराने के बजाय किसी अन्य उद्देश्य के लिए इस्तेमाल करने की जरूरत है।
तोड़ा जा रहा सुप्रीम कोर्ट का बिल्डिंग
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि वर्तमान में शीर्ष अदालत में 17 कोर्ट रूम और दो रजिस्ट्रार कोर्ट रूम हैं। केंद्र पूरी इमारत को ध्वस्त करने जा रहा है और चार रजिस्ट्रार कोर्ट रूम के साथ 27 कोर्ट रूम के पुनर्निर्माण पर 800 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। चार रजिस्ट्रार कोर्ट रूम के साथ 27 कोर्ट रूम बनाने से 10 साल बाद कोई मदद नहीं मिलेगी, क्योंकि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और सभ्यता के कारण सुप्रीम कोर्ट में मामलों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। 10 साल बाद 27 कोर्ट रूम बनाने से कोर्ट को भारी असुविधा हो सकती है। इसके अलावा याचिका में कहा गया कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट भवन का नया डिजाइन जारी नहीं किया और नए भवन डिजाइन के बारे में आम लोगों और बार एसोसिएशन से चर्चा नहीं की।
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