इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ अवमानना मामले में मंगलवार को कहा, अब हम और इंतजार नहीं कर सकते हैं। न्यायमूर्ति यू.यू. ललित ने कहा, मामले में किसी न किसी स्तर पर निपटारा करना होगा और प्रक्रिया समाप्त होनी चाहिए। पिछले चार वर्ष से माल्या की सजा लंबित है। जिस मामले में विजय माल्या को दोषी ठहराया गया है उस पर 18 जनवरी 2022 को सुनवाई की जाएगी।

जानिए क्या है मामला (Supreme Court)

बता दें कि 14 जुलाई, 2017 को दिए गए एक फैसले के अनुसार माल्या को बार-बार निर्देशों के बावजूद बैंकों को 9,000 करोड़ रुपए का बकाया भुगतान नहीं करने के लिए अवमानना का दोषी पाया गया था।

केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत के विचार के लिए विदेश मंत्रालय द्वारा एक नोट प्रस्तुत किया। न्यायमूर्ति ललित ने नोट का हवाला देते हुए कहा कि माल्या की प्रत्यर्पण कार्यवाही अंतिम रूप ले चुकी है, क्योंकि उसने ब्रिटेन में अपील के सभी रास्ते समाप्त कर दिए हैं। हालांकि, कुछ गोपनीय कार्यवाही चल रही है और ब्रिटेन ने इन कार्यवाही के विवरण का खुलासा नहीं किया है।

2017 से स्थगित किया जा रहा केस (Supreme Court)

शीर्ष अदालत ने कहा कि इन कार्यवाही के कारण माल्या की मौजूदगी उसके निर्देशों के बावजूद सुरक्षित नहीं की जा सकी। पीठ ने कहा कि यह माल्या पर निर्भर है कि वह व्यक्तिगत रूप से पेश हो या अपने वकील के माध्यम से दलीलें पेश करें, लेकिन मामले को अब देखना चाहिए क्योंकि इसे 2017 से स्थगित किया जा रहा है, जब उन्हें अवमानना का दोषी पाया गया था।

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