India News (इंडिया न्यूज़), Panchayat Election, दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया जिसमें पश्चिम बंगाल में आगामी पंचायत चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश दिया गया था। न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अवकाश पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए था।
- कोर्ट का फैसला सही
- राज्य में हो रही हिंसा
- लोगों को मारा जा रहा है
खंडपीठ ने आदेश दिया, “उच्च न्यायालय के आदेश में किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। हम उच्च न्यायालय के किसी भी निर्देश में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं। अपील खारिज की जाती है।”
लोगों को मारा जा रहा
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा था कि चुनाव कराना हिंसा का लाइसेंस नहीं हो सकता है और हाई कोर्ट ने पहले भी हिंसा के मामले देखे हैं। यदि लोग अपना नामांकन दाखिल करने में सक्षम नहीं हैं और यदि वे इसे दाखिल करने जा रहे हैं और मार दिए जा रहे है तो कहां है स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव।
हाईकोर्ट ने दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट, कलकत्ता उच्च न्यायालय के दो आदेशों के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) द्वारा दायर अपीलों पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने 15 जून को पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को इस संबंध फटकार लगाई थी।
सुवेंदु अधिकारी की याचिका
उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुवेंदु अधिकारी और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला दिया था। केस को पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य बनाम सुवेंदु अधिकारी और अन्य के नाम से जाना गया।
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