India News (इंडिया न्यूज़), Krishna Janmabhoomi Case: सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार (19 मार्च) को मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में मस्जिद कमिटी की याचिका खारिज कर दी। दरअसल, मस्जिद कमिटी ने इस विवाद से जुड़े 15 मुकदमों को एक साथ जोड़कर सुनवाई करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का विरोध किया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस विषय को हाई कोर्ट में ही रखें. बता दें कि उत्तर प्रदेश के मथुरा में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर विवाद काफी पुराना है, जिसको लेकर हाई कोर्ट में भी केस चल रहा है।

हिंदू पक्ष के वकील ने क्या कहा?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के सामने हिंदू पक्ष की ओर से पेश हुए अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद को अपना मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में पेश करने को कहा है। दरसअल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित 15 मामलों को एक साथ सुनवाई के लिए जोड़ा है। जिसका विरोध मस्जिद कमिटी कर रही है। विष्णु शंकर जैन ने बताया कि आज शाही ईदगाह मस्जिद कमिटी उस आदेश के खिलाफ ही सुप्रीम कोर्ट में आई थी। उन्होंने आगे कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि आप पहले ही इलाहाबाद हाई कोर्ट के चकबंदी आदेश के खिलाफ रिकॉल अर्जी दाखिल कर चुके हैं। इसलिए पहले रिकॉल अर्जी पर फैसला हो जाए और उसके बाद आप सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं।

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क्या है शाही ईदगाह से जुड़ा विवाद?

बता दें कि हिंदू पक्ष का दावा किया है कि उत्तर प्रदेश के मथुरा में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को श्रीकृष्ण जन्मभूमि के ऊपर बनाया गया है। साल 2022 में इस जगह को श्रीकृष्ण जन्मभूमि घोषित किए जाने की मांग वाली याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद हिंदू पक्ष का कहना है कि ओरछा के राजा वीर सिंह बुंदेला ने साल 1618 में यहां पर मंदिर का निर्माण करवाया था। हालांकि, मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर मंदिर को गिराकर यहां 1670 में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण किया गया।

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