India News, (इंडिया न्यूज), Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट आज 3 जनवरी (बुधवार) को कई अहम मामलों पर सुनवाई कर रही है। मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ ( CJI D.Y Chandrachud) और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की पीठ ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर अपना फैसला सुनाया है। खबरों के अनुसार अडानी समूह के लिए एक बड़ी जीत में, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि जॉर्ज सोरोस के नेतृत्व वाली ओसीसीआरपी की रिपोर्ट हिंडनबर्ग मामले में पूंजी बाजार नियामक सेबी की जांच पर संदेह करने का आधार नहीं हो सकती है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जांच को विशेष जांच दल को स्थानांतरित करने का कोई आधार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सेबी को इस मामले की जांच के लिए 3 महीने का और वक्त दिया जाता है। गौरतलब हो कि 24 में से 22 मामलों की जांच पूरी हो गई है। बाकी बचे हुए 2 मामले के लिए उच्चतम न्यायालय ने फिलहाल सेबी को 3 महीने का समय और दिया है।
पीठ ने कहा कि ‘सेबी की जांच में एफपीआई नियमों से जुड़ी कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। इस मामले में सीमित अधिकार हैं जिनके बेस पर जांच की गई है। सेबी के रेगुलेटरी ढांचे में प्रवेश करने की इस कोर्ट की शक्ति सीमित है यानी अदालत सेबी के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देगा। सेबी के जांच नियमों में कोई खामी नहीं है और सेबी की बजाए एसआईटी को इस मामले की जांच नहीं सौपी जाएगी।’
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दो अहम टिप्पणी की है। जिसमें अदालत ने कहा है कि ‘केवल मीडिया रिपोर्ट्स या खबरों-प्रकाशन के आधार पर ही भरोसा नही किया जा सकता है। एसआईटी को अडानी मामला ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं मिला है। कोर्ट ने कहा है कि अपनी तरफ से निगाह रखने वाली किसी जांच समिति को केस स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं मिली है।’
इस केस पर सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय बेंच ने फैसला दिया है। जिसमें कह कि ‘अडानी मामले की जांच को सेबी से लेकर एसआईटी को ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। कोर्ट की ओर से अपनी पिछली सुनवाई में कहा गया था कि ‘हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर कोई ठोस सबूत नहीं हैं।’ वहीं आज कोर्ट ने अपने फैसले में सेबी की 22 मामलों में की गई अब तक की जांच को सही बताया है। अदालत ने कहा कि ना तो एसआईटी और ना ही सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपी जाएगी। जो कि एक तरह से ये सेबी के साथ अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी को बड़ी राहत देगी।
गौरतलब हो कि 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिपोर्ट में आरोप लगाया गया थी कि ‘गौतम अडानी और उनके अडानी समूह ने अडानी कंपनियों के शेयरों में गलत तरीके से पैसे इन्वेस्ट कराए गए। इसके जरिए शेयरों की कीमतों में हेरफेर करके शेयरधारकों के साथ धोखा किया गया है।’
इस मामले में याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने अपनी मांग को अदालत के सामने रखते हुए कहा था कि ‘अडानी कंपनियों के शेयरों में हुए निवेश की जांच के साथ ये भी देखा जाए कि किसे क्या फायदा दिलाया गया। सेबी जांच ठीक से नहीं कर रही है और इस मामले को एसआईटी को ट्रांसफर करने का आदेश मिलना चाहिए।
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