Supreme Court प्रॉपर्टी के मामले में रेलवे को ‘सुप्रीम’ फटकार

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति के मामले में रेलवे को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि हाथ पर हाथ धरे रखने के बजाय अपनी प्रॉपर्टी की हिफाजत खुद करो। दरअसल, शीर्ष अदालत गुजरात में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण के मामले में कल दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इनमें रेलवे ने एक याचिका में गुजरात और दूसरी याचिका में हरियाणा में रेलवे की जमीनों से अतिक्रमण हटाने से संबंधित सवाल उठाए हैं।

यह आपकी संपत्ति है आपको अतिक्रमण हटवाना होगा : कोर्ट (Supreme Court)

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने गुजरात के मामले की सुनवाई के दौरान रेलवे की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) के एम नटराज से कहा, आप हाथ पर हाथ रखकर यह नहीं कह सकते कि यह मेरी समस्या नहीं है। यह आपकी संपत्ति है और आपको अपनी संपत्ति की रक्षा करनी होगी क्योंकि एक निजी व्यक्ति की तरह ही अपनी संपत्ति की रक्षा करनी होगी। उन्होंने कहा, आपको अतिक्रमण हटवाना होगा। यह एक ऐसी परियोजना है जिसे तत्काल क्रियान्वित किया जाना है।

गुजरात हाई कोर्ट दे चुका है आगे बढ़ने की इजाजत (Supreme Court)

गुजरात मामले में, याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष कोर्ट को पहले बताया था कि गुजरात हाई कोर्ट ने यथास्थिति बनाये रखने का अपना अंतरिम आदेश वापस ले लिया था और पश्चिम रेलवे को सूरत-उधना से जलगांव तक की तीसरी रेल लाइन परियोजना पर आगे बढ़ने की अनुमति दी थी। हाई कोर्ट के आदेश के बाद, याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत का रुख किया जिसने गुजरात में इन ‘झुग्गियों’ के ध्वस्तीकरण पर यथास्थिति प्रदान की थी।

दूसरा मामला हरियाणा के फरीदाबाद में झुग्गियां तोड़े जाने कहा (Supreme Court)

दूसरी याचिका हरियाणा के फरीदाबाद में रेल लाइन के पास ‘झुग्गियों’ को तोड़े जाने से संबंधित है। इसमें शीर्ष अदालत ने पहले उन लोगों के ढांचों को ढहाये जाने पर यथास्थिति प्रदान की थी, जिन्होंने हटाये जाने पर रोक के अनुरोध को लेकर अदालत का रुख किया था।

कल सुनवाई के दौरान एएसजी ने पीठ से कहा कि रेलवे के पास उसकी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के पुनर्वास की कोई योजना नहीं है। उन्होंने ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ का जिक्र किया जो पात्रता के अधीन है। एएसजी ने कहा कि राज्य को पुनर्वास के पहलू पर विचार करना होगा।

जानिए कोर्ट और रेलवे के बीच क्या-क्या सवाल जवाब हुए (Supreme Court)

पीठ ने कहा कि कापोर्रेशन, राज्य और रेलवे को एकसाथ बैठकर एक योजना बनानी चाहिए और फिर अदालत को इसके बारे में सूचित करना चाहिए। एएसजी ने कहा, ”रेलवे के दृष्टिकोण से, ये सभी लोग अनधिकृत रूप से रहने वाले हैं और यह एक अपराध है।

पीठ ने कहा, क्या आपने इस पर कार्रवाई की? क्या आपने उन्हें हटाने के लिए अपने वैधानिक दायित्व का निर्वहन किया? क्या आपने सार्वजनिक परिसर अधिनियम लागू किया?

नटराज ने कहा कि रेलवे की ओर से कुछ चूक हुई है कि उन्होंने इस पर पहले कोई कार्रवाई नहीं की और अब मुद्दा पुनर्वास का है। पीठ ने तबग कहा, आप हाथ पर हाथ रखकर यह नहीं कह सकते कि यह मेरी समस्या नहीं है। यह आपकी संपत्ति है और आपको अपनी संपत्ति की रक्षा करनी होगी क्योंकि एक निजी व्यक्ति की तरह ही अपनी संपत्ति की रक्षा करनी होगी।

Read More : Supreme Court विजय माल्या मामले में अब और इंतजार नहीं

Read More : Supreme Court Strict On Delhi Pollution कहा इससे दुनिया को क्या संदेश दे रहे है हम

Read More : Supreme Court ने पलटा बाम्बे हाईकोर्ट का फैसला, गलत मंशा से किसी भी सेक्सुअल हिस्से का स्पर्श करना पोक्सो अपराध में ही आएगा

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

Vir Singh

Recent Posts

‘केंद्रीय अर्धसैनिक बल, CISF और पुलिस के जवान पैसे लेते हैं तो…’ रिश्वत लेने वालों पर CM Mamata ने ये क्या कह दिया?

CM Mamata Banerjee: राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम ममता बनर्जी ने…

3 hours ago

पहली ही मुलाकात में नार्वे की राजकुमारी के बेटे ने 20 साल की लड़की से किया रेप, फिर जो हुआ…सुनकर कानों पर नहीं होगा भरोसा

Norway Princess Son Arrest: नॉर्वे की क्राउन प्रिंसेस मेटे-मैरिट के सबसे बड़े बेटे बोर्ग होइबी…

3 hours ago

हॉकी के बाद बिहार को इस बड़े स्पोर्ट्स इवेंट की मिली मेजबानी, खेल मंत्री मांडविया ने दी जानकारी

India News Bihar (इंडिया न्यूज)Khelo India Games: बिहार ने पिछले कुछ सालों में खेलों की…

3 hours ago

‘अधिकारी UP से कमाकर राजस्थान में …’, अखिलेश यादव का जयपुर में बड़ा बयान; CM योगी के लिए कही ये बात

India News RJ (इंडिया न्यूज),Akhilesh Yadav in Jaipur: यूपी में उपचुनाव के लिए मतदान खत्म…

4 hours ago