India News (इंडिया न्यूज़),Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को टिप्पणी की कि लव मैरिज से तलाक की नौबत आ रही है। जस्टिस बीआर गवई और संजय करोल की पीठ एक वैवाहिक विवाद से उत्पन्न स्थानांतरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी जब मामले के एक वकील ने अदालत को सूचित किया कि यह विवाह एक प्रेम विवाह था। न्यायमूर्ति गवई ने जवाब देते हुए कहा, “ज्यादातर तलाक लव मैरिज से ही हो रहे हैं।” कोर्ट ने मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया, जिसका पति ने विरोध किया। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि हाल के एक फैसले के मद्देनजर वह उसकी सहमति के बिना तलाक दे सकती है। इसके बाद बेंच ने मध्यस्थता का आह्वान किया।
तलाक पर क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 2 मई को दिए गए फैसले में कहा गया था कि संविधान के अनुच्छेद 142(1) के तहत तत्काल तलाक देकर शादी खत्म कर सकता है। कोर्ट ने हालांकि यह भी साफ कर दिया था कि जब यह लगे कि शादी बचाने का कोई भी रास्ता नहीं बचा है तब ऐसा ही हो सकता था। साथ ही कई मुद्दों पर विचार करने की बात भी कही गई थी।
बता दें कि भारत में लव मैरिज का प्रचलन काफी बढ़ गया है। पुराने दौर में लोग अरेंज मैरिज में ज्यादा विश्वास करते थे। लेकिन अब युवाओं में लव मैरिज का प्रचलन काफी बढ़ गया है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी इस ओर इशारा करती है कि लव मैरिज में आगे चलकर रिश्ते संभल नहीं पा रहे हैं, जिसका नतीजा तलाक के रूप में सामने आ रहा है।
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