India News (इंडिया न्यूज), Patanjali: पतंजलि के “भ्रामक और झूठे” विज्ञापन मामले पर सुप्रीम कोर्ट का बयान सामने आया है। जिसमें अदालत की ओर से कहा गया कि “आँखें बंद करके बैठी सरकार” को कार्रवाई करनी चाहिए।

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कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में Patanjali आयुर्वेद को कई बीमारियों के इलाज के लिए उसकी दवाओं के बारे में विज्ञापनों में “झूठे” और “भ्रामक” दावे करने के प्रति आगाह किया था। शीर्ष अदालत ने केंद्र की ओर से पेश वकील से भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों के मुद्दे का समाधान खोजने को कहा है। पीठ ने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को तत्काल कुछ कार्रवाई करनी होगी।”

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कई विज्ञापनों का हवाला दिया था, जिसमें कथित तौर पर एलोपैथी और डॉक्टरों को खराब रोशनी में पेश किया गया था। जिसमें कहा गया था कि आम जनता को गुमराह करने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं के उत्पादन में लगी कंपनियों द्वारा भी “अपमानजनक” बयान दिए गए हैं। आईएमए के वकील ने कहा था कि इन विज्ञापनों में कहा गया है कि आधुनिक दवाएं लेने के बावजूद चिकित्सक खुद मर रहे हैं।

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