जिस Bhole Baba के सत्संग में गईं 121 जान, उसकी गोपिकाएं करती हैं रक्षा, खुली सिक्योरिटी सेना की पोल!
India News(इंडिया न्यूज), Bhole Baba Gopika Unit: कुछ दिन पहले हाथरस के भोले बाबा के नाम से मशहूर व्यक्ति के सत्संग में मची भागदौड़ में 121 लोगो की मौत हो गयी। सूरजपाल जाटव उर्फ़ नारायण साकार हरी उर्फ भोले बाबा के राजसी जीवन से जुड़े अब कई दरवाज़े खुलते नज़र आ रहे है। हैरानी तो इस बात कि हैं की खुद को बाबा कहने वाले ये व्यक्ति इतना राजसी जीवन जी रहे हैं कि शायद ऐसा तो एक आम व्यक्ति भी नहीं जी पाता होगा।
इनके जीवन से जुड़े इन काले राज के बारे में कही पुलिस से पता चल रहा हैं तो कही बाबा से जुड़े लोग या उनसे प्रभावित लोग इन बातों का खुलासा करते नज़र आ रहे हैं। अब एक और बात सामने आई हैं जो खुद पुलिस द्वारा दी गई हैं। बाबा की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस जाँच द्वारा पता चला कि बाबा चार तरह की सुरक्षा से घिरे रहते हैं। बता दे कि, इसमें तीन तो सुरक्षा दस्तों में मर्द होते हैं जिसे अलग-अलग सेना का नाम दिया गया हैं। तो वही चौथी सुरक्षा टीम महिलाओं से बनी हैं जिसे गोपिका यूनिट का नाम तक दिया हुआ हैं लेकिन इसमें से भी सबसे ज़्यादा मजेदार बात तो ये हैं कि बाबा की सेना में तैनात हर सेना का ड्रेस और काम अलग हैं।
बाबा के कमरें के अंदर जाने की सिर्फ 7 लोगो को मिलती हैं मंजूरी
अब आगे जानकारियों से पता चला हैं कि बाबा जिस आश्रम के कमरे में रहते हैं, वहां उनके कमरे तक सिर्फ सात चुनिंदा लोगो को ही जाने की अनुमति प्राप्त हैं, और इस लिस्ट में सिर्फ वही लोग शामिल हैं जो बाबा के साथ शुरुआत से जुड़े हुए हैं। इसमें कुछ भरोसेमंद सेविका और सेवकदार भी शामिल हैं। साथ ही आपको जानकर और भी आश्चर्य होगा लेकिन जब भी बाबा किसी भी कार्यक्रम या सत्संग में जाते हैं तो इन सेना कर्मियों में से 4 निजी सेना सक्रिय होते हैं।
बाबा अगर आश्रम में भी हो तो भी इन सेना कर्मियों को घेरे के हिंसाब से ही काम करना होता हैं। यहां तक की बाबा जब भी सत्संग में होते हैं तब भी उन्हें महिलाओ की सेना चारो ओर से घेरे हुए रहती हैं। साथ ही गोपिका नाम से प्रसिद्ध इस सेना का एक प्रमुख काम भी हैं, और वो हैं सत्संग में पहुंचे कोई भी व्यक्ति बाबा की वीडियो या फोटो ना ले पाए इस बात का विशेष ध्यान रखना। गोपिका यूनिट की ये महिलाये केंद्रीय सुरक्षा बलों की ड्रेस में तैनात रहती हैं।
महिला कमांडोज को दिए जाते हैं कोड वर्ड
भोले बाबा के हर सत्संग में एक विशेष महिला ब्लैक कमांडो ब्रिगेड नजर आती है। इन महिला कमांडोज के साथ अन्य महिलाएं भी सुरक्षा में तैनात होती हैं। इनका काम भीड़ को नियंत्रित करना, पानी और भोजन की व्यवस्था सुचारू रूप से चलाना, और ट्रैफिक को संभालना होता है। ये कार्य समिति के सेवादार और महिला कमांडो ब्रिगेड मिलकर करते हैं। बाबा हमेशा ब्लैक कमांडोज से घिरा रहता है और कहा जाता है कि उन्होंने अपने आश्रम में एक गुप्त कमरा बना रखा है। पुलिस की पूछताछ में यह भी पता चला है कि बाबा के सुरक्षा अधिकारियों को कोड वर्ड दिए जाते हैं। बाबा की सुरक्षा में लगे हर दस्ते के लिए अलग-अलग ड्रेस कोड भी निर्धारित है।
भोले बाबा की सेनाओं के नाम नारायणी सेना, गरुड़ योद्धा और हरि वाहक हैं। नारायणी सेना के सुरक्षा गार्ड गुलाबी रंग की पोशाक पहनते हैं, गरुड़ सेना काली ड्रेस पहनती है जिन्हें ब्लैक कमांडो भी कहा जाता है, और हरि वाहक दस्ते के सुरक्षा गार्ड भूरे रंग की ड्रेस पहनते हैं। ब्लैक कमांडो दस्ता बाबा के काफिले के साथ चलता है। नारायणी सेना में 50 और हरिवाहक सेना की टुकड़ी में 25 से 30 सुरक्षा अधिकारी होते हैं। कार्यक्रम स्थल के आसपास बाबा के सेवादार सफेद रंग की पोशाक में भी होते हैं। हर दस्ते में महिलाएं और पुरुष दोनों सुरक्षा अधिकारी के तौर पर तैनात रहते हैं। जहां बाबा का सत्संग होता है, उसके बाहरी घेरे में ये सेनाएं तैनात होती हैं। इसके अलावा, सेना की टुकड़ियां सत्संग आयोजन स्थल के अंदर भी तैनात होती हैं। बाबा के आसपास ब्लैक कमांडोज तैनात रहते हैं ताकि कोई अप्रिय घटना न हो सके।
भोले बाबा के पास कई लग्जरी कारें हैं। आयोजन स्थल, उपस्थित लोगों की संख्या, उनकी बैठक व्यवस्था, प्रवेश, और प्रस्थान का पूरा प्रबंधन बाबा की आर्मी करती है। बाबा की फौज कार्यक्रम स्थल के अंदर पुलिस को आने नहीं देती, लेकिन बाहरी घेरे में ट्रैफिक व्यवस्था में पुलिस और प्रशासन का सहयोग करती है। हर मंगलवार को होने वाले कार्यक्रम की पूरी कमान यही सेवादार संभालते हैं। ये सेवादार देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के पानी, भोजन, और ट्रैफिक की व्यवस्था करते हैं।
भोले बाबा का आश्रम बहादुरनगर में 30 बीघे में फैला हुआ है और अनुयायी विश्राम गृह पांच बीघे में बना है। कथा आयोजन स्थल की सफाई का काम महिला सेवादार करती हैं, लेकिन महिला सेवादार और महिला कमांडो की जिम्मेदारियों में अंतर है। महिला कमांडो मुख्यतः सुरक्षा संभालती हैं जबकि महिला सेवादार व्यवस्थापन और सेवा का काम करती हैं। पुरुष सेवादार हाथ में बेंत लेकर और सीटी बजाते हुए परिवहन और सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करते हैं।
इस व्यापक संगठन और अनुशासन से बाबा के कार्यक्रम सुचारू रूप से आयोजित होते हैं और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होती।
Prachi Jain
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