India News (इंडिया न्यूज), Second Marriage Rule: हिंदुस्तान में पति और पत्नी का रिश्ता सबसे पवित्र माना जाता है। एक बार जब दोनों एक दूसरे का हाथ थाम लेते हैं, तो 7 जन्मों तक साथ निभाने का वादा करते हैं। भारतीय कानून किसी व्यक्ति को दो बार शादी करने की इजाजत नहीं देता है। वहीं अगर कोई व्यक्ति बिना तलाक के दूसरी शादी करता है तो उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के तहत अपराध माना जाता है। दूसरी शादी को लेकर क्या सजा ये आजकल सुर्खियों में हैं। दरअसल, यूपी सरकार में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या की बेटी और पुर पूर्व सांसद संघमित्रा मौर्या के ऊपर भी बिना तलाक दूसरी शादी करने का आरोप लगा है। आइए जानते हैं हिंदू विवाह अधिनियम में क्या है?
क्या है हिंदू विवाह अधिनियम 1955?
बता दें कि, भारत और हिंदू धर्म में दो बार शादी नहीं कर सकते हैं। दरअसल हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत भारत में दो शादियों का कोई प्रावधान नहीं है। साल 1955 से पहले हिंदू में कई बार शादी कर सकते थे और यह कोई अपराध नहीं था। लेकिन साल 1955 में हिंदू विवाह अधिनियम लागू हुआ। जिसके तहत हिंदुओं को सिर्फ एक ही शादी की इजाजत थी। वहीं अगर कोई हिंदू व्यक्ति दूसरी शादी करना चाहता है, तो उसे अपने पहले साथी से तलाक लेना होगा। इसके बाद ही वह व्यक्ति दूसरी शादी कर सकता है। वही अगर कोई व्यक्ति दो बार शादी करता है तो उसे अपराध माना जाता है। कुछ परिस्थितियों में पति या पत्नी के होते हुए दूसरी शादी करना भारतीय कानून में अपराध की श्रेणी में आता है।
धोखाधड़ी का मामला होगा दर्ज
दरअसल, अगर कोई व्यक्ति अपने पहले साथी के जीवित रहते हुए बिना तलाक के दूसरी शादी करता है तो उसे बहुविवाह माना जाता है। भारतीय कानून के अनुसार द्विविवाह एक दंडनीय अपराध है और इसे धारा 415 के तहत धोखाधड़ी माना जा सकता है। हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 17 के अनुसार, द्विविवाह के लिए अलग-अलग कानूनों के तहत अलग-अलग धाराएँ हैं। द्विविवाह या बिना तलाक के दूसरी शादी करना कानूनन अवैध है और दंडनीय है। द्विविवाह करने वाला व्यक्ति पर भारतीय दंड संहिता की धारा 494 और 485 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
क्या कहती है धारा 494?
बता दें कि, भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति बिना तलाक के दूसरी शादी करता है, तो उसे अपराध के आधार पर सात साल या उससे अधिक की कैद हो सकती है। वहीं कुछ मामलों में अपराध की गंभीरता के आधार पर जुर्माना भी लगाया जाता है। जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 495 में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति बिना तलाक के दूसरी शादी करता है और पहली शादी के बारे में जानकारी छिपाता है, तो इस मामले में जुर्माना या 10 साल तक की कैद या दोनों हो सकते हैं।
पहली पत्नी और दूसरी पत्नी में संपत्ति पर किसका अधिकार
अगर आप पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी कर लेते हैं, तो उसका कोई महत्व या मान्यता नहीं होती। अब तक अमान्य है जब तक यह साबित न हो जाए कि पहली शादी तलाकशुदा या अलग हो चुकी है। अगर पहली पत्नी मौजूद है और तलाक नहीं हुआ है, तो दूसरी पत्नी के पास कोई कानूनी अधिकार नहीं है। हालांकि, हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 11 और 16 के अनुसार, दूसरी पत्नी के बच्चों को अपने जैविक पिता की संपत्ति और धन पर अधिकार है।
क्या है संघमित्रा मौर्य का मामला?
बता दें कि, सुशांत गोल्फ सिटी निवासी दीपक कुमार स्वर्णकार के मुताबिक संघमित्रा मौर्य से उनकी शादी हुई है। जिससे वह इनकार कर रही हैं। उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य उन्हें धमका रहे हैं। इस मामले में दीपक कुमार की ओर से कोर्ट में केस दर्ज कराया गया था। दीपक कुमार का आरोप है कि बदायूं की पूर्व सांसद संघमित्रा मौर्य और वह 2016 में लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। यह भी बताया गया कि संघमित्रा का पहली शादी के बाद तलाक हो चुका था।
दीपक के मुताबिक उन्होंने 3 जनवरी 2019 को संघमित्रा से उनके घर पर शादी की थी। जिसके बाद में जब इसका पता चला तो शादी की बात उजागर न हो इसके लिए जानलेवा हमला किया गया। इसे लेकर वादी कोर्ट गए। तीन बार समन, दो बार जमानती वारंट और एक बार गैर जमानती वारंट जारी हुआ। लेकिन दोनों हाजिर नहीं हुए। एमपीएमएलए कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 अगस्त की तारीख तय की है।
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