India News (इंडिया न्यूज),Diwali 2024: भारत और चीन के बीच सीमा पर हालात लगातार सुधर रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान से भी इस बात को बल मिला है। दिवाली के मौके पर उन्होंने जवानों के बीच कहा कि दोनों देशों की सीमा से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। इस बीच सीमा से जवानों ने भी रिश्तों में सुधार के संकेत दिए, जहां दिवाली के मौके पर दोनों देशों के जवानों ने एक-दूसरे को मिठाइयां दीं। एएनआई के मुताबिक चुशुल-मोल्दो बॉर्डर प्वाइंट पर भारत और चीन के जवानों ने मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। असम के तेजपुर में बॉब खाथिंग म्यूजियम के उद्घाटन समारोह के दौरान बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘एलएसी से लगे कुछ इलाकों में भारत और चीन के बीच संघर्षों को सुलझाने के लिए कूटनीतिक और सैन्य दोनों स्तरों पर चर्चा चल रही है। हाल ही में हुई बातचीत के बाद जमीनी हालात को बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बनी है। यह सहमति समान और आपसी सुरक्षा के आधार पर विकसित हुई है।’
राजनाथ सिंह उन्होंने कहा, ‘समझौते में पारंपरिक इलाकों में गश्त और चराई से जुड़े अधिकार शामिल हैं। इस सहमति के आधार पर वापसी की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। हम वापसी के साथ ही आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे, लेकिन इसके लिए हमें थोड़ा और इंतजार करना होगा।’
गौरतलब है कि हाल ही में भारत और चीन के बीच सीमावर्ती इलाकों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त व्यवस्था को लेकर सहमति बनी है। इससे पहले, चीनी सैन्य कार्रवाइयों के कारण 2020 में एलएसी पर पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच सीमा गतिरोध शुरू हुआ था। इसके बाद दोनों देशों के बीच लंबे समय तक तनाव रहा, जिससे संबंधों में काफी तनाव आया।
हालांकि, हाल ही में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव कम होने के संकेत मिले। यह बैठक दोनों नेताओं के बीच पांच साल में पहली औपचारिक बातचीत थी। शी जिनपिंग और पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध भारत और चीन के लोगों और क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
वहीं, भारत में चीन के राजदूत जू फेइहोंग ने पहले कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि द्विपक्षीय संबंध सुचारू रूप से आगे बढ़ेंगे और दोनों देशों के बीच संबंधों में विशिष्ट असहमतियों के कारण बाधा नहीं आएगी। इधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रथम गृह मंत्री सरदार पटेल की जयंती पर उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘ऐसे कई नाम हैं जिन्हें हमारे इतिहास में उचित स्थान नहीं मिला, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनका बलिदान छोटा था। उनके बलिदान को याद रखना और उनका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।’ सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी उन्होंने कहा, ‘मैं भारत के पहले केंद्रीय गृह मंत्री और देश की एकता के पीछे दिमाग सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देता हूं।’ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण करते हुए बॉब खाथिंग संग्रहालय के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। सिंह ने आगे कहा कि भारत में जिस तरह की एकता देखने को मिलती है, वह अद्भुत है। उन्होंने सभी से इस विशेषता को बनाए रखने का आग्रह किया।