India News (इंडिया न्यूज), Indian Army Upgrade Russian Weapons : चीन-पाकिस्तान की साजिशों से निपटने के लिए भारत लगातार तीनों सेनाओं को मजबूत कर रहा है। अब इसी कड़ी में नए फाइटर जेट, एयरक्राफ्ट कैरियर, पनडुब्बियां और गोला बारूद समेत अन्य सैन्य उपकरण खरीदे और बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा अब भारत रूसी हथियारों को भी अपग्रेड करके उनकी मारक क्षमता बढ़ा रहा है। बता दें कि भारत की तीनों सशस्त्र सेनाएं काफी हद तक रूसी हथियारों पर निर्भर करती हैं। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि भारतीय सेना के टी-90 भीष्म, टी-72 जैसे मुख्य टैंक समेत करीब 90 फीसदी उपकरण रूसी मूल के हैं। दूसरी ओर सुखोई-30, मिग-21 और मिग-29 जैसे रूसी फाइटर जेट वायुसेना का करीब 71 फीसदी हिस्सा हैं।

वहीं अगर हम नौसेना की बात करें तो यहां पर भी आईएनएस विक्रमादित्य और पनडुब्बियों समेत करीब 41 फीसदी उपकरण रूसी हैं। इसी वजह से अब इन सभी को अपग्रेड कर उनकी क्षमता बढ़ाने का काम किया जा रहा है।

भारतीय सेना के टी-90 भीष्म और टी-72 टैंक को किया जाएगा अपग्रेड

भारतीय सेना में सबसे अपग्रेडेड टैंक टी-90 भीष्म है। ये तीसरी पीढ़ी का युद्धक टैंक है। जानकारों की माने तो टी-90 और टी-72 टैंक भारतीय सेना की रीढ़ हैं। इन टैंको के लेकर साल 2019 में हुई 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की डील के बाद रूसी डिजाइन और पार्ट्स का इस्तेमाल करके घरेलू स्तर पर 464 टी-90 टैंक बनाने की अनमति मिली। बता दें कि साल 2020 में जब भारत और चीन की सेना के बीच एलएसी पर टकराव हुआ तो उस समय पूर्वी लद्दाख में टी-90 टैंक ही तैनात किए गए थे।

आकड़ों की माने तो भारतीय सेना के पास फिलहाल 1200 से ज्यादा टी-90 भीष्म टैंक हैं। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने भारतीय रक्षा और लड़ाकू क्षमता को मजबूत करने के लिए 54 हजार करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी थी। इसमें 1000 एचपी के इंजन को बदलकर 1300 एचपी करना है।

इनके अलावा भारतीय सेना के पास 2400 टी-72 टैंकों का एक बेड़ा है. डिफेंस एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस टैंक को रिटायर कर देना चाहिए, लेकिन उनके रिटायरमेंट में फिलहाल समय लगेगा। इसीलिए उनको अपग्रेड किया जा रहा है. इनमें 780 एचपी का इंजन है, जिन्हें एक हजार एचपी के इंजन से रिप्लेस किया जाएगा। इसके लिए रूस की एक कंपनी से 248 मिलियन डॉलर की डील की गई है।

सुखोई-30 भी होंगे अपग्रेड

टैंकों के अलावा रक्षा मंत्रालय सुखोई-30 को भी अपग्रेड करने की योजना पर काम कर रहा है। अभी भारतीय वायुसेना के पास अभी 260 सुखोई-30 फाइटर जेट हैं, जिनमें से 220 एचएएल द्वारा बनाए गए हैं। इसके अलावा 12 सुखोई-30 के लिए 13,500 करोड़ रुपये की डील की थी। इस अपग्रेडेशन के बाद सुखोई-30 अगले 20 साल तक भारतीय सेना में बने रहेंगे। वायुसेना का इरादा है कि इन्हें 2055 तक बेड़े में रखा जाए।

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