India News(इंडिया न्यूज),Tarapur Atomic Power Station: पालघर तारापुर परमाणु ऊर्जा स्टेशन में देश के पहले दो परमाणु रिएक्टर जो 2020 से मरम्मत के लिए बंद हैं, उन्हें आवश्यक घटकों की डिलीवरी में देरी के कारण संचालन फिर से शुरू करने में पाँच महीने और लगेंगे। इसके साथ ही इस मामले में अधिकारियों ने कहा कि, वे इटली से कुछ विशेष धातु पाइपों का इंतजार कर रहे थे, लेकिन ट्यूब समय पर नहीं पहुंचीं। उन्होंने कहा कि निर्माता को पाइप का उत्पादन करना मुश्किल हो रहा है क्योंकि ऑर्डर काफी छोटा है।

अधिकारी का बयान

एक अधिकारी ने कहा कि शुरू में 9 मई को फिर से चालू होने के लिए निर्धारित रिएक्टर अक्टूबर तक ऑफ़लाइन रहेंगे, जब तक कि आपूर्ति नहीं हो जाती। 160 मेगावाट की क्षमता वाले दो बॉयलिंग वाटर रिएक्टर 1969 में देश के पश्चिमी तट पर मुंबई से लगभग 100 किलोमीटर दूर टीएस में स्थापित किए गए थे।

Gurpatwant Singh Pannun: अमेरिका को सता रहा भारत से रिश्ते खराब होने का डर! पनन्नु हत्या मामले में बदल लिया अपना सुर,जानें क्या कहा-Indianews

वहीं BWR पानी को उबालते हैं जिसे बिजली उत्पादन के लिए टरबाइन चलाने के लिए भाप में परिवर्तित किया जाता है और फिर कंडेनसर के माध्यम से पानी में वापस रिसाइकिल किया जाता है ताकि गर्मी पैदा करने की प्रक्रिया में इसका फिर से उपयोग किया जा सके। जानकारी के लिए बता दें कि ₹351 करोड़ के अनुमानित ओवरहाल का उद्देश्य तत्काल चिंताओं को दूर करना और रिएक्टरों के परिचालन जीवन को एक दशक तक बढ़ाना है।

जानें क्षमता

टीएस में दो प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर हैं, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 540 मेगावाट है। भारत में अब 22 ऑपरेटिंग रिएक्टर हैं, जिनकी स्थापित क्षमता 6,780 मेगावाट है। एक अधिकारी ने बताया कि बीडब्ल्यूआर की चल रही मरम्मत में 1969 में स्थापित प्राथमिक पुनर्चक्रण प्रणाली को बदलना शामिल है, ताकि दोनों रिएक्टरों के समीप बाहरी परिसंचरण प्रणाली में पाई गई सूक्ष्म दरारों को ठीक किया जा सके।

Lok Sabha Election: भारत के लोकसभा चुनावों में हस्तक्षेप के रूसी आरोपों का अमेरिका ने किया खंडन, जानें क्या कहा-Indianews

निदेशक ने दोहरा महत्व

वहीं इस मामले में टीएस के स्टेशन निदेशक संजय मुलकलवार ने क्षेत्र के पावर ग्रिड में रिएक्टरों के महत्व को दोहराया, कम से कम अगले दशक तक निरंतर संचालन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि चल रहे परीक्षणों ने दोनों रिएक्टरों के लिए पर्याप्त शेष परिचालन जीवन की पुष्टि की है। मरम्मत में संभावित विकिरण जोखिम, स्थान की कमी और पाइपलाइन प्रतिस्थापन प्रक्रिया को जटिल बनाने वाली जटिल उपयोगिता नेटवर्क जैसी चुनौतियाँ शामिल हैं। इसके साथ ही अधिकारियों ने कहा कि इटली से मंगाए गए विशेष स्टेनलेस स्टील 316 एलएन पाइप मरम्मत के लिए केंद्रीय हैं, हालांकि उनकी देरी से डिलीवरी ने वर्तमान बाधा उत्पन्न की है।