इंडिया न्यूज, श्रीनगर, (Target killings In Kashmir): कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग से मचे बवाल के बीच प्रशासन हरकत में आ गया है। टारगेट किलिंग रोकने के मकसद से बनाई रणनीति के तहत प्रशासन ने कश्मीरी पंडितों व अन्य हिंदू कर्मचारियों को चार से पांच दिन तक कहीं मूवमेंट न करने की हिदायत दी है। इन लोगों ने खुद इस बात की पुष्टि की है। विभिन्न जिलों के थानों से भी फोन करके कर्मचारियों व कश्मीर पंडितों को कार्यालय न आकर घर पर ही रहने की सलाह दी गई है।
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कश्मीरी पंडितों व हिंदू कर्मचारियों ने भी की पुष्टि
हिंदू कर्मचारियों व कश्मीरी पंडितों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि प्रशासन ने उन्हें चार से पांच दिन तक घर से बाहर न जाने की सलाह दी है। कश्मीर पंडितों ने कहा है कि उन्हें स्थानीय थाने से पांच दिन तक कोई मूवमेंट न करने की हिदायत दी गई है। अगर मूवमेंट बहुत जरूरी हो भी तो स्थानीय पुलिस को सूचित किए बिना वे घर से बाहर न जाएं।
12 मई को हुई राहुल भट की हत्या के बाद से ही कार्यालय जाना बंद किया
पीएम पैकेज से जुड़े कर्मचारियों का कहना है कि वैसे तो वे 12 मई को हुई राहुल भट की हत्या के बाद से ही कार्यालय नहीं जा रहे हैं, पर उन्हें भी फोन करके कुछ दिन दफ्तर न जाने की हिदायत दी गई है। हालांकि कुछ कर्मचारियों का कहना है कि कि आखिर पांच दिन तक विशेष अलर्ट रहने से क्या होगा।
कश्मीर पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टिक्कू का कहना है कि प्रशासन ने टारगेट किलिंग को रोकने की रणनीति के तहत लोगों को घर में रहने को कहा है। इसके अलावा सुरक्षा बलों के पास इनपुट भी हो सकता है, जिस कारण एक्ट्रा सतर्कता बरती जा रही है।
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स्थानीय हैंडलरों के बिना साफ्ट टारगेट को निशाना बनाना असंभव, तलाश जारी
सुरक्षा बलों के मुताबिक आतंकी साफ्ट टारगेट को स्थानीय हैंडलरों से मिले बिना निशाना नहीं बना सकते हैं। आतंकियों को इस तरह के लोगों के घर से बाहर निकलने से लेकर उनके सभी मूवमेंट की जानकारी होती है। सुरक्षा बलों के सूत्रों का कहना है कि घाटी के करीब सभी जिलों में ऐसे हैंडलर सक्रिय हैं। इनका पता लगाकर इन्हें जड़ से ही खत्म की योजना बनाई जा रही है। श्रीनगर में पुलिसकर्मी को ठीक उस समय निशाना बनाया गया जब वह बेटी को ट्यूशन के छोड़ने जाते हुए सीसीटीवी की रेंज से बाहर हो गए।
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