इंडिया न्यूज, Tax on Selling Gold: हमेशा से ही सोना खरीदना भारतीयों की पहली पसंद रहा है। सालभर में कई ऐसे मौके आते हैं जब लोग सोना खरीदते हैं। वहीं कुछ लोग इसमें निवेश के मकसद से रुपये लगाते हैं। इस समय सोने की कीमतों में बढ़ौतरी देखने को मिल रही है। लेकिन सोना खरीदने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि सोना खरीदने पर कितना टैक्स लगता है। वहीं सोना बेचने पर कैपिटल गेन पर कितना टैक्स देना होता है। क्योंकि अगर साल 2021-22 के लिए 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न (आरटीआई) फाइल करना है तो इन सभी इनकम और केपिटल गेन्स की सही जानकारी देना जरूरी होता है।
मान लीजिए आपने कुछ साल पहले किसी प्रॉपर्टी या सोने में 1 लाख रुपए निवेश किया था। जो अब बढ़कर 2 लाख हो गया है तो इसमें 1 लाख रुपए को कैपिटल गेन माना जाएगा। इस पर ही आपसे टैक्स लिया जाएगा।
आपको बता दें सोने की कीमतें बाजार में ज्वेलरी के वजन और कैरेट से हिसाब से अलग होती हैं। लेकिन, सोने की ज्वेलरी खरीदने पर इसकी कीमत और मेकिंग चार्ज पर 3 फीसदी का गुड्स एंड सर्विस टैक्स लगता है। ज्वेलरी की पेमेंट आप किसी भी मोड में करेंगे, तीन फीसदी जीएसटी आपको चुकाना होगा।
शायद ही लोगों को पता हो कि सोना खरीदने के साथ बेचने पर भी टैक्स लगता है। बेचते समय यह देखा जाता है कि ज्वेलरी आपके पास कितने समय से है। क्योंकि, उस अवधि के हिसाब से उस पर टैक्स लागू होगा। सोने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड : बॉन्ड का मेच्योरिटी पीरियड आठ साल का है, लेकिन निवेशकों को 5 साल के बाद बाहर निकलने का मौका मिलता है। यानी अगर आप इस स्कीम से पैसा निकालना चाहते हैं तो 5 साल के बाद निकाल सकते हैं। हालांकि अगर आप रिडेम्पशन विंडो (खुलने के 5 साल बाद) के पहले या सेकेंड्री मार्केट के जरिए बाहर निकलते हैं तो फिजिकल गोल्ड या गोल्ड म्यूचुअल फंड या गोल्ड ईएफटी पर लगने वाले कैपिटल गेन टैक्स लगेंगे।
गोल्ड बॉन्ड 2.50 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करते हैं और यह ब्याज आपके टैक्स स्लैब के अनुसार पूरी तरह से टैक्सेबल है। वहीं 8 साल पूरे होने पर इससे होने वाला कैपिटल गेन पूरी तरह टैक्स फ्री रहता है।
फिजिकल गोल्ड: फिजिकल सोने में ज्वेलरी और सिक्कों के साथ अन्य सोने की चीजें शामिल होती हैं। अगर आपने सोना तीन साल के अंदर बेचा है तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। इस बिक्री से होने वाले फायदे पर आपके इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है। वहीं अगर सोने को 3 साल के बाद बेचा है तो इसे लॉग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। इस पर 20.8 फीसदी टैक्स देना होता है।
गोल्ड म्यूचुअल फंड या गोल्ड ईटीएफ: गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स से मिलने वाले लाभ पर फिजिकल गोल्ड की तरह ही टैक्स लगता है। इसको लेकर इनकम टैक्स के कोई अलग से नियम नहीं हैं।
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