Categories: देश

Telangana’s Yadadri Temple Opened For Devotees : मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने किया उद्घाटन

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Telangana’s Yadadri Temple Opened For Devotees: भारत के तेलंगाना में श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी का भव्य मंदिर ”यदाद्री” आज यानि सोमवार (28 मार्च) को भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया है। ‘यदाद्री’ मंदिर का उद्वघाटन तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने किया है। कहा जाता है कि 1200 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा ‘यदाद्री’ मंदिर बीते सौ सालों में कृष्णशिला (ब्लैक ग्रेनाइट स्टोन) से बनने वाला दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है।

वहीं उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का अनुमानित खर्च 1100 करोड़ बताया गया है। यदाद्री मंदिर प्रोजेक्ट पर तेलंगाना सरकार 1200 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। अभी तक इसमें 1000 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। मंदिर में ब्लैक ग्रेनाइट स्टोन भी ऐसे लगाए गए हैं, जिनका एक हजार साल तक कुछ नहीं बिगड़ने वाला। मंदिर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे पूरी तरह शास्त्रों के मुताबिक बनाया गया है। तो चलिए जानते हैं यदाद्री मंदिर के बारे में।

कब बना था मंदिर का डिजाइन?  (Telangana’s Yadadri Temple Opened For Devotees)

”यदाद्री” मंदिर को बनाने के लिए दक्षिण में बने वैष्णव संप्रदाय के छह मंदिरों (तिरूपति बालाजी सहित) की एक रिपोर्ट तैयार की गई, जिसमें मंदिर की बनावट जानने के बाद यदाद्री के लिए कॉन्सेप्ट प्लान तैयार करना शुरू किया गया। साल 2015 से आर्ट डायरेक्टर आनंद साईं ने डिजाइन तैयार करना शुरू किया था। बताया जाता है कि डायरेक्टर आनंद सार्इं के पास ट्रेडिशनल मैथेड को अपनाते हुए बेहद खूबसूरत मंदिर बनाने का टास्क था। मंदिर के डिजाइन, कॉस्ट, मटेरियल जैसे फैक्टर्स पर एक साल रिसर्च के बाद कॉन्सेप्ट फाइनल हुआ।

पहला पिलर कब डाला गया?

कहते हैं कि 2016 में मंदिर का पहला पिलर डाला गया था। क्रेन के जरिए भारी-भरकम पत्थरों को ऊपर पहुंचाना शुरू हुआ था। मंदिर के चारों तरफ रिटेनिंग वॉल खड़ी की गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मंदिर को पूरा करने के लिए टीम को पांच साल का टारगेट दिया था।

क्या है मंदिर की पहचान?  (Telangana’s Yadadri Temple Opened For Devotees)

मंदिर की पहचान बनाने के लिए तय किया गया कि पूरा मंदिर कृष्णशिला (काला पत्थर) से तैयार होगा। मंदिर का निर्माण आगम, वस्तु और पंचस्थ शास्त्रों के मुताबिक होगा। क्योंकि यह वैष्णव पंथ का मंदिर है। यह बीते 100 साल में कृष्णशिला (ब्लैक ग्रेनाइट स्टोन) से बनने वाला दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है।

पत्थर की हुई थी जांच

‘यदाद्री’ मंदिर बनने से पहले तय हुआ था कि मंदिर के गर्भगृह को टच भी किया जाएगा। बाकि मंदिर के पूरे एरिया को बदला जाएगा। कृष्णशिला के चयन के लिए एक कमेटी बनी। वो 6-7 माइंस पर भी गई। कमेटी ने माइंस से पत्थरों की सस्टेनेबिलिटी जांचने के लिए उनके सैम्पल भी लिए। कहते हैं कि राजस्थान और हैदराबाद की एक-एक लैब में रॉक टेस्टिंग की गई थी। फिर खरीदी के के लिए आंध्र प्रदेश के एक जिले की माइन सिलेक्ट की गई। क्योंकि टेस्टिंग में यहां के पत्थर की सस्टेनेबिलिटी सबसे अच्छी निकली।

गुफा में हैं भगवान नृसिंह की स्वयंभू मूर्ति

  • तेलंगाना के ‘यदाद्री’ भुवनगिरी जिले में भवगान नृसिंह का यह मंदिर 1000 साल से भी अधिक पुराना है। गुफा में ज्वाला नृसिंह, गंधभिरंदा नृसिंह और योगानंदा नृसिंह की मूर्तिया स्थापित की गई हैं। बताया जाता है कि 510 फीट की ऊंचाई पर यदाद्रीगुट्टा पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर की 12 फीट ऊंची और 30 फीट लंबी गुफा है।
    प्रोजेक्ट पर 1200 करोड़ रुपये खर्च
  • आंध्र प्रदेश से अलग होने के बाद तेलंगाना सरकार ने इस मंदिर को भव्य रूप देने का प्लान बनाया। और मंदिर समेत पूरे क्षेत्र के रिनोवेशन के लिए 1200 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया। इस अथॉरिटी के चेयरमैन तेलंगाना मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव खुद हैं। इनके अलावा 17 सदस्य और भी हैं।

READ ALSO:  Economic Crisis In Sri Lanka : जानिए, क्यों आर्थिक संकट से जूझ रहा है श्रीलंका?

पत्थरों को सीमेंट से नहीं चूना से जोड़ा गया (Telangana’s Yadadri Temple Opened For Devotees)

ब्लैक ग्रेनाइट पत्थरों को जोड़ने में सीमेंट-रेत के बजाए लाइम मोर्टार मैथेड का प्रयोग हुआ। इस मंदिर में गुड़, एलोवेरा, चूना, नारियल के जूट आदि से तैयार 10 हजार मीट्रिक टन लाइम मोर्टार लग गया है। बॉन्डेज कैपेसिटी जानने के लिए बेंगलुरू के इंस्टीट्यूट में टेस्टिंग करवाई गई है। टेस्टिंग में पता चला कि इसकी बॉन्डेज कैपेसिटी सीमेंट से कई गुना ज्यादा और लागत 40 गुना तक कम है।

सोने से मढ़ा है मंदिर के गर्भगृह का द्वार

‘यदाद्री’ मंदिर के गर्भगृह का द्वार सोने प्लेटेड है। इसके आजू-बाजू में जय-विजय स्तंभ लगे हैं। यदाद्री मंदिर में 140 किलो सोना लग रहा है। केवल मंदिर के गर्भगृह के गुबंद (विमान गोपुरम) पर 125 किलो सोना लग रहा है।
गर्भगृह के सामने ही 34 फीट का ध्वजस्तंभ स्थापित किया गया है। इसमें भी सोना लगाया गया है। सिर्फ 10 किलो सोना ध्वजस्तंभ और मुख्य द्वार में इस्तेमाल किया गया है।

मंदिर में बाल दान के लिए सुविधा

”यदाद्री” मंदिर में तिरूपति बालाजी की तरह ही बाल दान के लिए भी सुविधा उपलब्ध है। मंदिर परिसर में ही कल्याणकट्ट बनाया गया है। यहां एक घंटे में 300 लोग बाल दान कर सकेंगे। स्नान के लिए पुष्करणी का निर्माण किया गया है। यहां एक घंटे में 300 लोग स्नान कर सकते हैं।

Telangana’s Yadadri Temple Opened For Devotees

READ ALSO: Story Of Taj Mahal : ताज महोत्सव पर जानें, ताजमहल की रोचक बातें

Connect With Us : Twitter Facebook

Suman Tiwari

Recent Posts

प्रदेश में इनकम टैक्स का छापा, क्रिप्टो करेंसी के खाते के साथ करोड़ों मिले..

India News (इंडिया न्यूज)Rajasthan News: जयपुर प्रदेश भर में काली कमाई को लेकर इनकम टैक्स…

8 minutes ago

सीहोर में बड़ी घटना निर्माणाधीन पुल की गिरी दिवार, 3 मजदूरों ने गवाई जान

सियागहन का दर्दनाक मंजर India News (इंडिया न्यूज), MP News: मध्य प्रदेश के बुधनी क्षेत्र…

11 minutes ago

CM योगी ने महाकुंभ के लिए चल रहे विकास कार्यों पर जताया संतोष, बोले- युद्ध स्तर पर चल रहीं सभी तैयारियां

India News (इंडिया न्यूज),MahaKumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियों की समीक्षा के दौरान…

12 minutes ago

CM योगी ने हिमाचल के 2 मंत्रियों को महाकुंभ में आने का दिया आमंत्रण, 45 करोड़ श्रद्धालुओं..

India News (इंडिया न्यूज)Himachal news: उतर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन किया…

20 minutes ago