इंडिया न्यूज, कश्मीर:
Terrorism will not be tolerated in Jammu and Kashmir:
देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में अपने तीन दिवसीय दौरे के पहले दिन आतंकवाद पर जमकर हमला बोला। शाह ने साफ कर दिया कि देश में आतंकी वारदातों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं अमित शाह ने शनिवार को यूथ क्लब को संबोधित किया। अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर की शांति में जो भी खलल डालेगा उसके साथ हम सख्ती से निपटेंगे। घाटी में विकास के मुद्दे पर अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विकास कार्य निरंतर चलते रहेंगे। जो कोई भी उसमें रोड़ा अटकाएगा वो सजा पाएगा।

विपक्ष रहा शाह के निशाने पर Terrorism will not be tolerated in Jammu and Kashmir

अमित शाह ने दौरे के पहले दिन विपक्ष को भी खूब लताड़ा। शाह ने पूछा कि आखिर पिछले 70 साल में सरकारों ने जम्मू-कश्मीर को क्या दिया। यहां के लोगों को मिले 87 विधायक, 9 एमपी और तीन परिवार। लेकिन विकास के नाम पर कुछ नहीं मिला। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पंचायत चुनावों में करीब 30 हजार चुने हुए प्रतिनिधि जनता को समर्पित किए। जो दिन रात जनता की सेवा करेंगे और विकास कार्यों में सहयोग करेंगे।

आतंकवादियों को दी चेतावनी Terrorism will not be tolerated in Jammu and Kashmir

अमित शाह ने कहा कि आए दिन घाटी में आतंकवादी हमले हो रहे हैं। अगर आतंकवादी अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। जम्मू-कश्मीर में युवाओं को रोजगार, विकास और चाहिए। यह एक अच्छा बदलाव है। शाह ने साफ किया कि यदि कोई भी जम्मू कश्मीर की शांति में खलल डालेगा तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा। अमित शाह ने शनिवार को श्रीनगर-शारजाह अंतरराष्ट्रीय उड़ान का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इससे जम्मू कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और निवेश के मौके बढ़ेंगे।

सुरक्षा को लेकर हाईलेवल बैठक हुई Terrorism will not be tolerated in Jammu and Kashmir

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षा मुद्दों को लेकर हाईलेवल समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने अल्पसंख्यकों और गैर-स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए किए कार्यों की जानकारी ली। पिछले 15 दिनों में 11 नागरिक मारे जा चुके हैं।

घुसपैठ रोकने के उपायों पर की चर्चा Terrorism will not be tolerated in Jammu and Kashmir

जम्मू कश्मीर में घुसपैठ को रोकने के लिए बैठक के दौरान शाह ने सुरक्षा बलों से जानकारी ली। बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, नागरिक, सैन्य, अर्धसैनिक बलों और केंद्र सरकार की खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। सुरक्षा नजरिये से जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों यानी सीएपीएफ की 50 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की जा रही हैं।

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