India News (इंडिया न्यूज़), Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार, 15 मार्च को अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बीच ठाणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। अपने भाषण में चुनावी बांड योजना की आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने इसे ‘दुनिया का सबसे बड़ा जबरन वसूली रैकेट’ करार दिया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद योजना से संबंधित डेटा सार्वजनिक किए जाने के एक दिन बाद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि योजना के माध्यम से प्राप्त धन का इस्तेमाल राजनीतिक दलों को विभाजित करने और विपक्षी सरकारों को गिराने के लिए किया गया था।
राहुल गांधी ने कहा, “चुनावी बांड दुनिया का सबसे बड़ा जबरन वसूली रैकेट था। राजनीतिक दलों को विभाजित करने और विपक्षी सरकारों को गिराने के लिए धन चुनावी बांड से आता था।” कांग्रेस नेता ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्यों में कांग्रेस सरकारों द्वारा दिए गए ठेकों और चुनावी बांड के बीच कोई संबंध नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ईडी, सीबीआई और देश की चुनाव आयोग जैसी एजेंसियां ‘भाजपा के हथियार’ हैं। उन्होंने कहा, ”देश की संस्था चाहे वह ईडी हो, भारत का चुनाव आयोग हो या सीबीआई हो, अब वे देश की संस्था नहीं बल्कि भाजपा और आरएसएस के हथियार हैं।”
राहुल गांधी ने कहा, “अगर इन संस्थाओं ने अपना काम किया होता तो ऐसा नहीं होता। बीजेपी को इस बारे में सोचना चाहिए कि एक दिन जब सरकार बदलेगी, तब कार्रवाई की जाएगी और कार्रवाई ऐसी होगी कि ये चीजें दोबारा नहीं दोहराई जाएंगी।” मैं गारंटी देता हूं।”
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इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनावी बांड योजना की विशेष जांच का आग्रह किया और मांग की कि जांच पूरी होने तक भाजपा के बैंक खाते फ्रीज कर दिए जाएं। खड़गे ने कहा कि कई संदिग्ध दानकर्ता थे और जिन लोगों ने ये बांड खरीदे हैं वे या तो प्रवर्तन निदेशालय या आयकर मामलों में शामिल थे या अन्य जांच एजेंसियों द्वारा छापे मारे गए थे।
प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए खड़गे ने कहा, प्रधानमंत्री कहते हैं ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने इसका पर्दाफाश कर दिया है कि बीजेपी ने कैसा हाल बना लिया है’ चुनावी बांड से निकला पैसा एसबीआई डेटा से पता चलता है कि बीजेपी को 50 फीसदी चंदा मिला और कांग्रेस को केवल 11 फीसदी चंदा मिला।
भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से पता चला है कि भाजपा ने चुनावी बांड योजना के माध्यम से पांच वर्षों की अवधि में ₹6,060 करोड़ जुटाए। इस बीच, दुसर नंबर पर तृणमूल कांग्रेस ने ₹1,609 करोड़ के बांड भुनाए। तीसरे स्थान पर रही कांग्रेस पार्टी ने ₹1,422 करोड़ भुनाए, उसके बाद बीआरएस, बीजेडी और डीएमके ने क्रमशः ₹1,214 करोड़, ₹775 करोड़ और ₹639 करोड़ भुनाए।
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