नई दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने रविवार को बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार की कार्रवाई की सराहना की। इसके साथ ही आयोग ने कहा कि राजनीतिक दलों को बच्चों से जुड़े मामलों में संवेदनशील होना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ बाल संरक्षण आयोग ने आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को उनकी मूर्खतापूर्ण टिप्पणी के लिए फटकार लगाई।
असम पुलिस ने बाल विवाह से जुड़े मामलों में अब तक राज्य भर में 2,250 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। बाल संरक्षण आयोग प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि AIUDF अपने बयान में कहा है कि असम सरकार ने नियम नहीं बनाए हैं। AIUDF का ऐसा बयान बचकाना और मूर्खतापूर्ण है।
कार्रवाई करके मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है- AIUDF
AIUDF प्रमुख अजमल ने बाल विवाह के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह को लेकर की जा रही कार्रवाई मुसलमानों को परेशान करने के लिए की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र ने आदर्श नियम निर्धारित किया है अगर असम सरकार उन नियमों का पालन करे तो अलग से नियम बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आयोग पहले ही बाल विवाह की अनुमति देने वाले मामलों को पर उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे चुका है। हम कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
आयोग ने अन्य राज्यों को बाल विवाह के खिलाफ कदम उठाने का किया आग्रह
वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अन्य राज्यों से भी बाल विवाह के खिलाफ पहल करने का आग्रह किया है। आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि आयोग न केवल बाल विवाह में शामिल लोगों के खिलाफ असम सरकार की पहल की सराहना की है, बल्कि आयोग अन्य राज्यों से भी इसी तरह के कदम उठाने की अपेक्षा करता है।
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