India News (इंडिया न्यूज), History Of Sambhal Jama Masjid : यूपी के संभल में जामा मस्जिद को लेकर विवाद लगातार बढ़ रहा है। 19 नवम्बर, 2024 को कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वे किया गया था। इस सर्वे को लेकर हिन्दुओं ने याचिका लगाई थी। याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील और एडवोकेट विष्णु शंकर जैन के पिता हरि शंकर जैन, नोएडा के पार्थ यादव साथ अन्य याचिकार्ताओं ने लगाई है। हिंदु पक्ष के मुताबिक इस मस्जिद की जगह पहले उनके आराध्य विष्णु का मंदिर हुआ करता था। इस मंदिर को इस्लामी आक्रान्ता बाबर के शासनकाल में तोड़ा गया था। इसी को लेकर उन्होंने कहा है कि भगवान विष्णु और भगवान शिव के भक्त होने के नाते, उन्हें पूजा-अर्चना के लिए मंदिर में जाने का अधिकार है।
क्या है मामला?
हिंदू पक्ष की तरफ से कोर्ट में याचिका दर्ज करके दावा किया गया है कि संभल में स्थित जामा मस्जिद का निर्माण सदियों पुराने श्री हरि हर मंदिर पर किया गया था, जो भगवान कल्कि को समर्पित था और जिसे बाबर ने नष्ट कर दिया था। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि यह स्थल हिंदुओं के लिए धार्मिक महत्व रखता है और इसे मुगल काल के दौरान इसे जबरन मस्जिद में बदल दिया गया था। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि वर्तमान में यह संरक्षित स्मारक है। अपनो दावे को पुख्ता करने के लिए हिंदू पक्ष ने कई प्रमाण भी दिए हैं।
हिंदू पक्ष की तरफ से पेश किए गए प्रमाण
हिंदू पक्ष ने अपने दावे को सही साबित करने के लिए बाबर की डायरी यानी बाबरनामा भी सामने रखा है। बाबर के सेनापति हिन्दू बेग ने कथित तौर पर मंदिर को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया और 1527-28 में इसे मस्जिद में बदल दिया। यह काम बाबर के निर्देश पर इस्लामी वर्चस्व स्थापित करने और स्थानीय हिन्दू आबादी को डराने के लिए किया गया था।
इसके अलावा बाबर के बेटे अकबर के शासनकाल में लिखा गया आइन-ए-अकबरी का भी संदर्भ दिया गया है। हिन्दू पक्ष ने मुगलों के अलावा अंग्रेजों के समय का ब्यौरा भी दिया है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि 1874-76 के दौरान मेजर-जनरल ए. कनिंघम द्वारा संभल में कई पुरातात्विक सर्वेक्षण किए गए थे, वह उस समय ASI के मुखिया थे। उन्होंने ‘मध्य दोआब और गोरखपुर में भ्रमण’ शीर्षक से एक रिपोर्ट लिखी थी। इसमें मंदिर के वास्तुशिल्प की भी बात की गई थी। यह मंदिर के वह हिस्से थे जो मस्जिद बनाने के दौरान बच गए थे और कनिंघम के सर्वे के दौरान भी मौजूद थे।