इंडिया न्यूज़: (Earthquake in India) अफगानिस्तान के हिंदुकुश क्षेत्र में मंगलवार यानी 21 मार्च रात को 6.6 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिसका असर भारत में भी देखने को मिला। बता दें कि उत्तर भारत के कईं शहरों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता काफी ज्यादा थी, जिससे भारत में काफी ज्यादा नुकसान हो सकता था। विशेषज्ञों के अनुसार, 6 से 6.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों की नींव को दरका सकता है और ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंचा सकता है। राहत की बात है कि भारत में कहीं से भी किसी तरह के नुकसान होने की खबर नहीं मिली है।
आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए मंगलवार रात काफी डरावनी बीती। भूकंप के झटकों को महसूस करने के बाद पूरी रात लोग डर के साय में रहे। कईं जगहों पर लोग घंटों तक घरों के बाहर ही खड़े नज़र आए।
देश के भूकंप जोन
जानकारी के अनुसार, भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने देश को पांच अलग-अलग भूकंप जोन में बांटा हुआ है। पांचवें जोन में आने वाले इलाकों को सबसे ज्यादा खतरनाक और सक्रिय माना जाता है। इस जोन में आने वाले राज्यों में ज्यादा तबाही की आशंका रहती है। इसी तरह पांचवे से पहले जोन की ओर चलने पर जोखिम कम होता चला जाता है। बता दें कि सबसे खतरनाक यानी पांचवें जोन में देश की कुल जमीन का 11% हिस्सा आता है। वहीं चौथे जोन में 18% जमीन आती है। तीसरे और दूसरे जोन में 30% जमीन आती है। सबसे ज्यादा खतरा चौथे और पांचवें जोन वाले राज्यों को बताया गया है।
कितनी तीव्रता वाला भूकंप कितना खतरनाक?
- 0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है।
- 2 से 2.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
- 3 से 3.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे बगल से कोई बड़ा वाहन गुजर गया हो।
- 4 से 4.9 की तीव्रता वाले भूकंप से घर की खिड़कियां टूट सकती हैं और अगर दीवारों पर टंगी घड़ी या फ्रेम गिर सकते हैं।
- 5 से 5.9 की तीव्रता वाले भूकंप के झटकों से घर में रखा फर्नीचर हिल सकता है।
- 6 से 6.9 की तीव्रता वाला भूकंप खतरनाक साबित हो सकता है। इससे इमारतों की नींव दरक सकती हैं और ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है।
- 7 से 7.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतें ढह सकती हैं और जमीन के अंदर धंसी पाइपलाइन तक फट सकती है।
- 8 से 8.9 की तीव्रता के भूकंप में इमारतों के साथ-साथ बड़े-बड़े पुल भी गिर सकते हैं। वहीं, 9 या उससे ज्यादा की तीव्रता का भूकंप आने पर जमकर तबाही मचती है। समंदर नजदीक होने पर सुनामी भी आ सकती है।