India News (इंडिया न्यूज), Caste Census: महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने सोमवार (17 जून) को कहा कि देश में जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। जिससे ओबीसी को लाभ होगा, क्योंकि उन्हें एससी और एसटी की तरह केंद्र से केंद्रीय निधि नहीं मिल रही है। भुजबल ने मुंबई में ओबीसी नागरिकों के लिए काम करने वाली समता परिषद के नेताओं की एक बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक के बाद छगन भुजबल ने कहा कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं। अब हम उनसे जाति आधारित जनगणना कराने की मांग करने जा रहे हैं।

छगन भुजबल ने उठाया जाति जनगणना का मुद्दा

छगन भुजबल ने कहा कि अगर ऐसा होता है, तो इससे ओबीसी के विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश पड़ेगा। हम न केवल जनसंख्या बल्कि ओबीसी की स्थिति को भी समझ पाएंगे। इसलिए केंद्र सरकार से मिलने वाली निधि, जो अभी केवल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को मिलती है। वह ओबीसी को भी मिलेगी। लेकिन इसके लिए जनगणना होनी चाहिए। भुजबल ने कहा कि राज्य स्तर पर जनगणना लाभकारी नहीं होगी।

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केंद्र सरकार से की बड़ी मांग

एनसीपी नेता ने कहा कि अगर यह जनगणना केवल राज्य स्तर पर की जाती है, तो हमें केवल जानकारी ही मिलेगी। हालांकि, केंद्रीय निधि उपलब्ध नहीं होगी। उन्होंने आगे बोलते हुए ओबीसी नेताओं द्वारा चल रही भूख हड़ताल पर भी टिप्पणी की। भुजबल ने कहा कि राज्य में कुछ लोग ओबीसी के लिए भूख हड़ताल पर हैं। हमने उनसे वापस लेने का अनुरोध किया है। हम अगले दो दिनों में वकीलों से बात करेंगे। हमने कुछ दस्तावेज भी तैयार किए हैं। अगर किसी ओबीसी के साथ अन्याय हुआ है, तो हम इस संबंध में उचित कदम उठाएंगे।

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