करनाल से रमेश सरोए की रिपोर्ट
karnal kisan mahapanchayat करनाल। किसानों के लघु सचिवालय के घेराव को देखते हुए किसानों के लिए रातभर से लंगर सेवा चल रही है। साथ ही यहां गांवों को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वे लगातार शिफ्टों में हिस्सा लें ताकि प्रशासन को ताकत का अहसास करवाया जा सके। वहीं भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि सरकार ने इंटरनेट सेवा बंद कर दी है, ये गलत है। सरकार को इंटरनेट सेवा सुचारू रूप से चलानी चाहिए, इंटरनेट सेवा करके सरकार क्या साबित करना चाहती है। किसानों को आंदोलन राष्ट्रीय आंदोलन है, इसकी गति को रोका नहीं जा सकता। देशभर का किसान अपने हकों के लिए आवाज उठा रहा है, सरकार किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है।
सेक्टर-12 स्थित जाट भवन में किसान प्रतिनिधियों की आगामी रणनीति को लेकर बातचीत चल रही थी, इसी बीच एसपी गंगा राम पूनिया ने किसान प्रतिनिधियों को गतिरोध थामने के लिए बातचीत का न्योता दिया। 2 बजे किसान प्रतिनिधियों को लघु सचिवालय में बातचीत के लिए बुलाया। जिस पर किसानों ने बातचीत के लिए हामी भर दी। बातचीत की पेशकश मिलने के बाद किसानों ने बैठक को बंद कर दिया।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन ने 2 बजे बातचीत के लिए बुलाया है, हम लोग आंदोलन की आगामी रणनीति पर चर्चा कर रहे थे। एसपी ने फोन पर बातचीत के लिए बुलाया है। बातचीत में क्या निकलता है, उसके बाद पता चलेगा। अगर बातचीत सफल नहीं होती तो दोबारा से किसान प्रतिनिधि बैठकर आगामी आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे।
किसानों के जिला सचिवालय के घेराव को देखते हुए सरकार ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया हुआ है ताकि संभावित अप्रिय घटना को टाला जा सके। सरकार ने जिले में करीब 40 पैरामिलिट्री जवानों की कंपनिया, रैपिड एक्शन फोर्स सहित पांच जिलों की पुलिस फोर्स तैनात की हुई है। इसके अलावा सीआईडी, आईबी सहित अन्य एजेंसियों के कर्मचारी सिविल वर्दी में आंदोलन की हर स्थिति पर नजर रखे हुए है।
किसानों के लघु सचिवालय के घेराव को देखते हुए किसानों के लिए रातभर से लंगर सेवा चल रही है। पुलिस के बैरीकैटस के बीचों बीच ब्रेड-समोसे तले जा रहे है, दूसरी ओर बैरीकेटस को दीवारों के रूप में प्रयोग कर लंगर चलाया जा रहा हैं। इसके अलावा शहरवासी रातभर प्रदर्शनकारी किसानों की सेवा करते हुए देखे गए।
प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ जिलेवासियों को इस बात का भय सता रहा है कि कही किसान आंदोलन के राष्ट्रीय स्वरूप का दायरा करनाल न बन जाए। क्योंकि किसानों द्वारा जो मांगे की जा रही है, उन मांगों को मानने की बजाए टालमटोल का रवैया अपनाया जा रहा है ताकि आंदोलन दिल्ली से बिखरकर करनाल शिफ्ट हो जाए। ऐसी चर्चा किसान आंदोलन में शामिल कई किसान नेता कर रहे है। उनका कहना है कि अब तक प्रशासन के साथ जो बातचीत हुई, उससे यही लग रहा है कि ऐसा संभावित हो सकता है। लेकिन संयुक्त किसान यूनियन के नेतागण हर बात को अच्छी तरह समझते है। किसान नेताओं ने कहा कि किसान सरकार से कुछ नहीं मांग रहे, करना तो प्रशासन ने है।
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि आंदोलनकारियों को दूसरे दिन भी बातचीत के लिए बुलाया गया। आंदोलनकारी नेताओं के साथ करीब 3 घंटे बातचीत चली, परंतु बातचीत बेनजीता रही। उपायुक्त ने बताया कि आंदोलनकारियों के साथ बातचीत का क्रम चलता रहेगा। प्रशासन की मंशा है कि बातचीत से इसका समाधान निकाला जा सके। उपायुक्त ने कहा कि बिना जांच के कोई कार्यवाही नहीं बनती।
आंदोलनकारी लाठीचार्ज करवाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग पर अड़े हैं। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि आंदोलनकारियों ने बैठक में आश्वासन दिया कि वह अपने धरने को शांतिपूर्ण तरीके से चलाएंगे। उनका मकसद अपनी मांग को मनवाना है न कि कोई उपद्रव करना। बैठक में प्रशासन की ओर से करनाल रेंज के आयुक्त संजीव वर्मा, उपायुक्त निशांत कुमार यादव व एसपी गंगाराम पुनिया उपस्थित रहे।
पुरूषों की ताकत को जगा देगी ये छोटी काली चीज, पावर कैप्सूल लेने की नहीं…
India News (इंडिया न्यूज) MP News: सीएम योगी के बयान को लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने…
यूपी में हिंदू-मुस्लिम की राजनीति इस वक्त अपने चरम पर हैं। सीएम योगी के बटोंगे…
India News MP (इंडिया न्यूज़),Indore News: बॉलीवुड में ऐक्शन, क्राइम थ्रिलर के बीच में 1…
India News (इंडिया न्यूज) Dehradun news: राजधानी देहरादून की सड़कों पर हादसे थमने का नाम…
India News (इंडिया न्यूज) Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में बंद पड़े फ्लाई ऐश…