देश

मुस्लिम वोटर्स का इनसे उठ रहा भरोसा, क्या 2024 लोकसभा चुनावों पर पड़ेगा इसका असर?

India News (इंडिया न्यूज़), Lok Sabha Election 2024, नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के लगभग 60% मुस्लिम आबादी वाले विधानसभा क्षेत्र सागर दिघी में मार्च महीने में उपचुनाव हुआ था। यहां का नतीजा बेहद ही चौंकाने वाला था। कांग्रेस ने ये सीट सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस यानी TMC से छीन ली थी। सत्तारूढ़ दल का उस सीट पर हारना ही अप्रत्याशित माना गया। वहीं दूसरी तरफ TMC अपने वोट बैंक यानी कि मुसलमान के गढ़ वाली सीट हार गई। कर्नाटक में मई में विधानसभा चुनाव हुए। 13 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले इस प्रदेश में मुस्लिम वोटों की दो पार्टियां बड़ी हकदार रहा करती हैं।

JDS ने उतारे थे 23 मुस्लिम उम्मीदवार

चुनाव में JDS जिसने सबसे अधिक 23 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे। उनमें से एक भी उम्मीदवार नहीं जीत पाया। कांग्रेस यहां न सिर्फ स्पष्ट बहुमत पाने में कामयाब रही। बल्कि 15 मुस्लिम उम्मीदवारों से उसके नौ उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर सवाल शुरू हो गए हैं कि क्या मुसलमानों का क्षेत्रीय दलों पर भरोसा कम हो ता जा रहा है?

क्या है इसकी अहमियत

बता दें कि इस सवाल को लेकर अहमियत इसलिए भी काफी बढ़ जाती है क्योंकि 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। मुस्लिम प्रभाव वाले उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तेलगांना, आंध्र प्रदेश और असम जैसे बड़े राज्यों से जहां करीब सवा 300 लोकसभा सीट आती हैं। इन राज्यों में गैर-भाजपा राजनीति अधितकतर क्षेत्रीय दलों के इर्द-गिर्द ही घूमती है।

2024 लोकसभा चुनाव में दिखेगा बदलाव?

कर्नाटक विधानसभा चुनाव और पश्चिम बंगाल उपचुनाव में जो ट्रेंड नजर आया। उसके बाद 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य को लेकर कोई भी निष्कर्ष निकालना फिलहाल जल्दबाजी हो जाएगी। लेकिन यूपी के 2009 के लोकसभा चुनाव के नतीजे जरूर ही याद आ जाते हैं। कांग्रेस प्रदेश में हाशिए पर जा चुकी है। वहीं BJP के मुकाबले SP-BSP ने अपना स्थान बना लिया है। लोकसभा चुनाव 2004 में अटल सरकार को अपदस्थ करते हुए UPA सरकार का कांग्रेस के नेतृत्व में गठन हुआ था। उस चुनाव में 80 लोकसभा सीट वाली यूपी से कांग्रेस महज नौ सीट ही जीती थी। सबसे अधिक सीटें 35 सपा ने जीत थीं। वहीं BSP ने 19 सीटों पर ‌जीत दर्ज की थी। मगर दोनों ही पार्टियां UPA का हिस्सा नहीं बनी थीं।

फिर इस बार क्या है संभावना ?

जानकारी दे दें कि विपक्ष वोटों के बिखराव को रोकने के लिए एकजुटता है। कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में बीजेपी के खिलाफ अलग-अलग राज्यों के जो प्रभावशाली क्षेत्रीय दल हैं। अगर इनके बीच कोई सहमति विकसित होती है तो फिर शायद टकराव की नौबत ही न आए। राज्यों में अधिकतर मौकों पर वोटिंग का जो पैटर्न दिखता है। वह विधानसभा चुनाव में नहीं दिखाई देता है। वहीं जो विधानसभा चुनाव में दिखता है, वह लोकसभा चुनाव में बदल दिया जाता है।

Also Read: दो साल में सरकार ने 150 से अधिक YouTube चैनल्स और Anti-India साइट को किया बैन, जानें वजह

Akanksha Gupta

Recent Posts

‘नहीं हटाउंगी बुर्का’ हाईकोर्ट के जज से भिड़ गई मुस्लिम महिला वकील, जब मंगवाई गई रिपोर्ट तो…

High Court Refused To Hear Of Lawyer Wearing Hijab: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के जज…

9 hours ago

BPSC अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज पर भड़के पप्पू यादव, 1 जनवरी को बिहार बंद का किया ऐलान ; कही ये बात

India News (इंडिया न्यूज)Pappu Yadav Announced Patna Bandh: बिहार के पटना में BPSC अभ्यर्थियों पर…

9 hours ago

Maha Kumbh Mela 2025: VIP और VVIP मेहमानों के स्वागत को तैयार महाकुम्भ, फाइव स्टार होटल जैसी मिलेगी सुविधाएं

India News (इंडिया न्यूज)Maha Kumbh Mela 2025: प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ मेला…

9 hours ago

PM Modi ने दे दिया नए साल का तोहफा, मोबाइल यूजर्स को मिली बड़ी खुशखबरी, इस फैसले का 150 मिलियन ग्राहकों को मिलेगा फायदा

Mobile Recharge: ट्राई ने रिचार्ज नियमों में बदलाव किया है। वॉइस कॉल और SMS इस्तेमाल…

9 hours ago

पशुपालकों के लिए भजनलाल सरकार की गजब योजना,जानवरों के मरने पर मिलेगा पैसा; ऐसे करना होगा आवेदन

India News (इंडिया न्यूज) Mangla Pashu Bima Yojana: मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने प्रदेश के…

9 hours ago

हिजाब पर इस मुस्लिम देश की जमकर हुई हजामत…अचानक बदल गए जज्बात? WhatsApp और Google पर सुनाया बड़ा फैसला

Iran News: ईरान ने अपने सख्त इंटरनेट प्रतिबंधों में ढील देते हुए मेटा के मैसेजिंग…

9 hours ago