India News ( इंडिया न्यूज़ ) Nile River Dam row: नील नदी इथियोपिया से होकर मिस्र और सूडान में आती है। बता दें, एक साल पहले इथियोपिया ने इस नदी पर बांध बनाने की शुरुआत की थी। उसका द ग्रैंड इथियोपियन रेनेसां डैम या जीईआरडी अफ्रीका महाद्वीप का सबसे बड़ा हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना की। जो अपनी शुरुआत के समय से ही नील बेसिन क्षेत्र में तनाव का कारण भी है। अब हाल ही में इथियोपिया का एक बयान सामने आया है कि जिसमें उन्होंने कहा है मेगा-बांध पर सूडान और मिस्र के साथ बातचीत का दूसरा दौर शुरू कर दिया गया है।

नदियों को लेकर शुरू हुआ विवाद

तीनों देशों के बीच नदी को लेकर विवाद का सबसे बड़ा विषय बना हुआ है सूखे की स्थिति में बांध कैसे काम करेगा। और जो पहले से लंबित विवाद हैं उन्हें कैसे निबटाया जाएगा। मिस्र और सूडान की ओर से उठाए गए विरोध को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में घसीटने की बात तक हो चुकी है।

10 देशों से गुज़रती है नील नदी

बता दें, नील नदी 10 देशों से होकर गुज़रती है और यह अफ्रीकी देशों की जीवनरेखा है। जिसमें पानी के अलावा ये बिजली का भी अहम स्रोत है। नील नदी पर बन रहे इथियोपिया के जीईआरडी बांध पर क़रीब 4 अरब डॉलर खर्च हुए हैं और ये 6450 मेगावॉट बिजली पैदा करेगा।

ये भी पढ़े-

पाकिस्तान में iPhone 15 Pro Max की कीमत ये, इतने में खरीद लेंगे एक नई SUV

Antony Blinken: ट्रूडो के बयान से क्यों चिंतित है अमेरिका, जानिए क्या कहा अमेरिकी विदेश मंत्री ने

UNGA: इजराइल पीएम नेतन्याहू ने ईरान को परमाणु खतरे की दे डाली धमकी, पीेएम कार्यालय ने बयान पर दिया फिर सफाई, कहीं ये

कनाडा या भारत में से किसे चुनेगा America, पेंटागन के पूर्व अधिकारी ने कही यह बड़ी बात

Benefits Of Ginger : इन गंभीर बीमारियों में रामबाण है अदरक, जानिए इसके सेवन करने का तरीका