Monsoon 2022 Update: इस बार समय से पहले दस्तक देगा दक्षिण पश्चिम मानसून

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Monsoon 2022 Update:भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार इस बार दक्षिण पश्चिम मानसून (south west monsoon) समय से पहले दस्तक देगा। विभाग का कहना है कि मानसून सामान्य तौर पर 19-20 मई तक अंडमान-निकोबार द्वीप समूह (Andaman and Nicobar Islands) में पहुंचता है, पर इस बार इसके 15 मई के आसपास अंडमान व पास की दक्षिणपूर्वी खाड़ी में पहुंचने का अनुमान है। इसी तरह चार दिन पहले 15 से 16 मई तकमानूसन के केरल में पहुंचने के आसार हैं। एक अन्य रिपोर्ट में मानसून के 26 मई को केरल पहुंचने का अनुमान है। केरल में सामान्य तौर पर मानसून आने का समय एक जून है।

देश के ज्यादातर भागों में लोगों को गर्मी से मिलेगी राहत

इस बार समय से पहले दस्तक देगा दक्षिण पश्चिम मानसून

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि पूवार्नुमानों के मुताबिक केरल के बाद मानसून के उत्तर की ओर बढ़ने के संकेत हैं, जिससे पिछले कुछ दिन से प्रचंड गर्मी झेल रहे देश के ज्यादातर भागों में लोगों को राहत मिलेगी। आईएमडी के अनुसार अगले पांच दिन अंडमान में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। 15-16 मई को दक्षिण अंडमान सागर मे 40-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। चक्रवाती तूफान असानी की वजह से दो दिन से केरल में भारी बारिश भी हो रही है।

मध्यप्रदेश में प्री-मानसून के अगले सप्ताह आने के आसार

इस बार समय से पहले दस्तक देगा दक्षिण पश्चिम मानसून

मध्यप्रदेश में अगले सप्ताह के शुरू से ही प्री-मानसून दस्तक दे सकता है। इसका कारण पश्चिम बंगाल में बना साइक्लोन है। 16 मई से राज्य में हल्की बूंदाबांदी होने का अनुमान है। भोपाल, उज्जैन, इंदौर आदि संभागों इस बार ज्यादा मानसूनी बारिश होने के आसार हैं।

एमपी में मानसून आने का समय पहले 10 जून था, पर कुछ साल से इसमें देरी हो रही है जिस कारण अब राज्य में इसका समय 15 से 16 जून तय किया गया है। मध्यप्रदेश में 15 से 16 जून व भोपाल में मानसून 20 जून के आसपास आ सकता है। जून में तापमान बहुत अधिक नहीं बढ़ेगा।

जानिए सबसे पहले कहां आता है मानसून, इस बार भी सामान्य रहेगा

बता दें कि सबसे पहले मानसून केरल से शुरू होता है और फिर यह देश के सभी हिस्सों में धीरे-धीरे फैल जाता है। देश में दक्षिण पश्चिम मानसून से ही कुल बारिश की 70 फीसदी बारिश होती है।

रबी की फसलों का आधा इसी मानसून पर निर्भर होता है। भारत के 40 प्रतिशत किसान सिंचाई के लिए मानसून पर निर्भर हैं। मसूर, चना, कपास, चावल, सरसों व गन्ने जैसी खरीफ की फसलों का उत्पादन करने वाले किसान इसी मानसून पर निर्भर रहते हैं। मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष भी देश में मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है। तीन साल से सामान्य रह रहा है।

(Monsoon 2022 Update)

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