इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Threat of Naxalite Attack on Security Forces: बीते शनिवार को महाराष्ट्र के गढचिरोली में 26 नक्सलियों के मारे जाने के बाद से एजेंसियां अलर्ट पर थी, और आज एजेंसियों को ऐसे खुफिया इनपुट मिले हैं जिसमें कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय बलों के ठिकानों को निशाना बना सकते हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन खुफिया इनपुट को लेकर जारी अलर्ट के बाद से ही नक्सल प्रभावित राज्यों में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है, साथ ही सुरक्षा बल अतिरिक्त सतर्कता भी बरत रहे हैं।
शनिवार को गढ़चिरौली में हुआ सफल ऑपरेशन Threat of Naxalite Attack on Security Forces
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीते 11 नवंबर को झारखंड में नक्सली नेता किशन बोस की गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद बीते सुरक्षा बलों ने शनिवार को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एक सफल आॅपरेशन के बाद 26 नक्सलवादी मारे गए थे। सुरक्षा बलों के लगातार आक्रामक अभियान के चलते नक्सली बैकफुट पर हैं। खुफिया सूत्रों का कहना है कि नक्सली बदला लेने के लिए सुरक्षा बलों पर जवाबी हमला कर सकते हैं।
पहले भी हुआ है सुरक्षा बलों पर हमला Threat of Naxalite Attack on Security Forces
नक्सलियों ने पहले भी जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों पर हमला किया था। इसी वजह से खुफिया इनपुट मिलने के बाद से ही गश्त करते समय या किसी भी क्षेत्र में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों को ज्यादा सावधानी बरतने और मानक संचालन प्रक्रियाओं यानी एसओपी का पालन करने के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। अलर्ट में केंद्रीय बलों को गश्त के दौरान स्थानीय पुलिस के जवानों को भी साथ ले जाने के निर्देश दिए गए हैं।
उग्रवाद प्रभावित राज्यों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की बटालियन तैनात हैं। एजेंसियों ने केंद्रीय बलों को यह भी सलाह दी है कि आपरेशनों के दौरान सड़क को खाली कराने वाली पार्टी को काफिले में सबसे आगे रहना चाहिए और केंद्रीय बलों को उग्रवाद प्रभावित राज्यों के पुलिस बल के साथ खुफिया नेटवर्क को और मजबूत करने का सुझाव दिया गया है।
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