India news(इंडिया न्यूज़): Raksha Bandhan: रक्षाबंधन का पर्व सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।इस अवसर पर बहन अपने भाई के कलाई पर राखी बांधती है। इस दिन बहन अपने भाई की के कलाई पर रक्षा सूत्र या राखी बांधती हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि बहन अपनी भाई के उज्ज्वल भविष्य के लिए कामना करती हैं। भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। शास्त्रों में वर्णन है कि रक्षाबंधन के दिन अपने भाई को राखी बांधने से पहले यदि बहने देवताओं को राखी बांधती हैं तो यह शुभ माना जाता है।
सर्वप्रथम अपने इष्ट देव को राखी बांधनी चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन में देवताओं की कृपा बनी रहती है। आप रक्षाबंधन के दिन भगवान शंकर को भी पहली राखी बांध सकते हैं। ऐसा करने से भगवान शंकर की कृपा से जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है।
रक्षाबंधन के दिन भाई को राखी बांधने से पहले भगवान गणेश को राखी बांधने का वर्णन मिलता है। उसके बाद अपने भाई को राखी बांधनी चाहिए। ऐसा करने से भाई-बहन के रिश्ते में आ रही समस्याएं दूर होती हैं, और उसके बीच का प्रेम बढ़ता है। क्योंकि भगवान गणेश बाधा-विध्न का नाश करते है। साथ ही जीवन में आ रहे सभी कष्टों को दूर करते हैं।
रक्षाबंधन के दिन कलयुग के देवता हनुमान जी को राखी बांधने से जीवन में आ रहे सभी प्रकार के डर और चिंताएं दूर होती हैं। वहीं भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को राखी बांधने से रक्षा का आशीर्वाद मिलता है। रक्षाबंधन के दिन भगवान विष्णु को भी राखी जरूर बांधनी चाहिए। इससे जीवन में आ रही सभी समस्याएं समाप्त हो जायेगी।
रक्षाबंधन के को लेकर कई सारी कहानियां प्रचलित है। पहली कहानी में कहा जाता है कि सबसे पहली राखी माता लक्ष्मी ने राजा बली को बांधी थी। वहीं एक कथा में कहा जाता है कि द्रौपदी ने भगवान कृष्ण को महाभारत काल के दौरान बांधी थी। इस तरह से कई कथा पुराणों में मिलती है।
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