India News (इंडिया न्यूज), Tirupati Laddu Controversy: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद लड्डू में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल की रिपोर्ट के बाद हड़कंप मच गया है। वहीं अब सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में राज्य के उपमुख्यमंत्री और अभिनेता पवन कल्याण ने प्रायश्चित करने का फैसला किया है। वह आज से 11 दिन का प्रायश्चित उपवास शुरू करेंगे। 11 दिन के प्रायश्चित दीक्षा यानी उपवास पर जाने से पहले पवन कल्याण ने एक संदेश भी लिखा। उन्होंने लिखा कि हे बालाजी भगवान! मुझे क्षमा करें प्रभु। तिरुमाला लड्डू प्रसाद, जिसे अत्यंत पवित्र माना जाता है।पिछले शासकों के अनियंत्रित व्यवहार के परिणामस्वरूप अपवित्र हो गया था।

पवन कल्याण करेंगे प्रायश्चित

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने लिखा कि यह पशु चर्बी के अवशेषों से दूषित हो गया था। ऐसे पाप केवल क्रूर मन वाले लोग ही करते हैं। इस पाप को शुरू में न पहचान पाना हिंदू समुदाय पर कलंक के समान है। जैसे ही मुझे पता चला कि लड्डू प्रसाद में पशु अवशेष हैं, मेरा मन विचलित हो गया। मुझे अपने बारे में दोषी महसूस हो रहा है। मैं लोगों के कल्याण के लिए लड़ रहा हूं। यह दुखद है कि ऐसी समस्या मेरे ध्यान में शुरू में नहीं आई। उन्होंने आगे लिखा कि सनातन धर्म में आस्था रखने वाले हर व्यक्ति को कलियुग के देवता बालाजी के साथ किए गए इस भयानक अपराध का प्रायश्चित करना चाहिए। इसी भावना के तहत मैंने प्रायश्चित शुरू करने का फैसला किया है।

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पिछली सरकार के पापों को धोने की शक्ति दें- पवन

उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने लिखा कि रविवार (22 सितंबर, 2024) की सुबह मैं गुंटूर जिले के नंबूर में श्री दशावतार वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में दीक्षा लूंगा। 11 दिनों तक दीक्षा जारी रखने के बाद मैं तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करूंगा। उन्होंने भगवान से क्षमा मांगते हुए लिखा कि, ‘हे भगवान… मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि आप मुझे पिछली सरकारों द्वारा आपके खिलाफ किए गए पापों को धोने की शक्ति दें। उन्होंने आगे लिखा कि ऐसे अपराध वही लोग करते हैं जो ईश्वर में विश्वास नहीं रखते और पाप कर्मों से डरते नहीं हैं। मेरा दुख यह है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम व्यवस्था का हिस्सा बनने वाले बोर्ड के सदस्य और कर्मचारी भी वहां की गलतियां नहीं जान पाते। अगर जान भी जाते हैं तो वे इस बारे में बात नहीं करते। ऐसा लगता है कि वे उस समय के राक्षसी शासकों से डरते थे।

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