नई दिल्ली (Elections): लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्षी पार्टियां एकजुट होना चाहती हैं। विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए गठबंधन कर रहीं हैं। एक बार फिर विपक्षी एकता को बनाने के लिए रैलियों का आयोजन किया जा रहा है। हाल ही में तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने खम्मम में महारैली का आयोजन कराया था जिसमें तमाम विपक्षी पार्टियों के प्रमुख शामिल हुए थे।
केसीआर की महारैली में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तक शामिल हुए। इस रैली से देश में विपक्षी एकता कायम होने का संदेश दिया गया साथ ही भारतीय जनता पार्टी को बड़ा संदेश देने की भी कोशिश की गई। चुनाव से पहले देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पर विपक्षी एकजुटता से बाहर रहने का आरोप लग रहा है।
टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अकेले चलने की राह पर है। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों के बीच एक समन्वय टीम और राज्यों में एक संयुक्त कार्यक्रम की पहल की थी। इसके अलावा उन्होंने खास तौर पर भाजपा शासित राज्यों में विपक्षी दलों की संयुक्त रैली आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा है। ममता बनर्जी भाजपा को केंद्र की सत्ता से बाहर करना चाहती हैं।
कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। कांग्रेस इस प्रतिक्रिया से काफी उत्साहित है। पार्टी का दावा है कि भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भर गया है और राहुल गांधी की छवि एक गंभीर राजनेता के रूप में उभरकर सामने आई हैं। कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की घोषणा की है।
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