India News(इंडिया न्यूज), Aaj ka Panchang: वट सावित्री के दिन रोहिणी नक्षत्र रहेगा। इस दिन सूर्योदय सुबह 5:26 बजे होगा। साथ ही इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:55 बजे से दोपहर 12:44 बजे तक रहेगा। इस दिन शनि जयंती और अमावस्या का व्रत भी रखा जाएगा। आज शाम की पूजा का समय शाम 6:51 बजे से 7 बजे तक रहेगा। इस दिन राहु काल का समय दोपहर 1:30 बजे से 3 बजे तक रहेगा। आज दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचें।
आज का पंचांग
- संवत–पिंगला विक्रम संवत 2081
- माह-ज्येष्ठ, कृष्ण पक्ष
- तिथि- अमावस्या
- व्रत- अमावस्या व्रत
- दिन- गुरुवार
- सूर्योदय- 05:26 बजे
- सूर्यास्त- 07:15 बजे
- नक्षत्र- रोहिणी
- चंद्र राशि- वृषभ, स्वामी ग्रह- शुक्र
- सूर्य राशि- वृषभ, स्वामी- शुक्र
- करण- चतुष्पद सुबह 07 बजे तक फिर नागव
- योग- धृति रात 10:10 बजे तक फिर शूल
शुभ मुहूर्त
- अभिजीत- 11:55 बजे से 12:45 बजे तक
- विजय मुहूर्त- 02:26 बजे से 03:23 बजे
- गोधूलि मुहूर्त– 06:44 बजे से 07:09 बजे
- ब्रह्म मुहूर्त- 4:15 बजे से 05:07 बजे
- अमृत काल- 06:02 बजे से 07:56 बजे
- निशिता मुहूर्त- 11:50 बजे से 12:45 बजे
- संध्या पूजन- 06:51 बजे से 07:51 बजे
दिशा शूल- दक्षिण दिशा। इस दिशा में यात्रा करने से बचें। दिशा शूल के दिन उस दिशा में यात्रा करने से बचें, यदि आवश्यक हो तो प्रस्थान से एक दिन पहले समय निकाल लें और फिर उसी से यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त
राहु काल- 01:30 बजे से 03 बजे।
क्या करें- गुरुवार को साप्ताहिक व्रत रखें। भगवान विष्णु की पूजा करें। मंदिर में भगवान की मूर्ति के दर्शन करें। बृहस्पति के द्रव्य चने की दाल और फलों के दान का बहुत महत्व है। अमावस्या का व्रत भी केवल फलाहार ही रहेगा। भगवान का नाम भी जपें। ॐ हौं जूं सः महामंत्र का मानसिक जप करते रहें। धार्मिक सत्संग में भाग लें। किसी भी शिव मंदिर के प्रांगण में पीपल, आम और बेल के पेड़ लगाएं। आज शक्ति पूजा का भी विशेष महत्व है। बटुक भैरो स्तोत्र का पाठ करें। शिव मंदिर में रुद्राभिषेक कराएं। गाय को पालक और गुड़ खिलाएं। पितृदोष के शमन के लिए अमावस्या पर त्रिपिंडी श्राद्ध पूजा भी करवा सकते हैं।
क्या न करें- अमावस्या पर किसी भी वैदिक पूजा अनुष्ठान का संकल्प लेने से बचें और इसे प्रतिपदा पर करें।