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Train Ticket Concession Rules 2022 चुनवोपरांत ही वरिष्ठ नागरिकों पर प्रहार ?

Train Ticket Concession Rules 2022

निर्मल रानी, नई दिल्ली :

Train Ticket Concession Rules 2022 हमारे देश के राजनैतिक दल जब जनता के बीच जाते हैं उस समय तमाम लोक हितकारी बातें किया करते हैं। सत्ता में आने पर कभी कभी इन्हीं लोकलुभावन वादों और बातों में से कुछ को अमली जामा भी पहना देते हैं। परन्तु ऐसा कम ही देखा गया है कि पिछली सरकार द्वारा जारी किसी जनहितकारी योजना विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट अथवा सुविधाओं पर ही पूरी तरह से क़ैंची चला दी जाये। परन्तु स्वयं को लोकहितकारी बताने वाली वर्तमान भाजपा सरकार में तो कम से कम ऐसा ही देखने को मिल रहा है।

उदाहरण के तौर पर पिछली सरकार द्वारा भारतीय रेल सेवाओं में 53 विभिन्न श्रेणियों में रेल यात्रा में किराये में छूट का प्रावधान था। परन्तु वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार ने कोरोना कॉल में जहाँ रेल संचालन को पहले बिल्कुल बंद किया और बाद में धीरे धीरे रेल संचालन शुरू किया। परन्तु इसी के साथ रेल किराये में जो छूट का प्रावधान था उसे पूरी तरह समाप्त कर दिया गया। जिस समय रेल विभाग द्वारा रेल किराये में मिलने वाली छूट समाप्त की गयी थी उस समय यह कारण बताया गया था कि अनावश्यक रूप से की जाने वाली यात्रा पर नियंत्रण करने तथा कोरोना काल में बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिये रेल किराये में मिलने वाली छूट समाप्त की गयी है।

कोविड का बहाना बना कर सुविधाओं को किया समाप्त

जिन 53 विभिन्न श्रेणियों में रेल यात्रा में किराये में छूट का प्रावधान था उनमें जहां खिलाड़ियों, विकलांगों, छात्रों तथा मरीज़ों आदि को रेल भाड़े में निर्धारित छूट दी जाती थी वहीँ वरिष्ठ नागरिकों को भी छूट की यह सुविधा उपलब्ध थी। इस व्यवस्था के अंतर्गत 58 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं व 60 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों को यह सुविधायें उपलब्ध थीं।

इसमें यह व्यवस्था भी थी कि यदि कोई धन संपन्न वरिष्ठ नागरिक चाहे तो इस व्यवस्था में सीमित लाभ भी उठा सकता था अथवा स्वेच्छा से इस सुविधा की अनदेखी भी कर सकता था। परन्तु वर्तमान केंद्र सरकार ने कोविड का बहाना बना कर इन सभी सुविधाओं को पूरी तरह से ही समाप्त कर दिया है।

Train Ticket Concession Rules 2022

पिछले दिनों जिस समय उत्तर प्रदेश सहित देश के पांच राज्यों में चुनाव चल रहे थे उन दिनों यह ख़बर सुनी गयी थी कि सरकार शीघ्र ही रेल सेवाओं का सञ्चालन भी पूरी क्षमता के साथ शुरू करने जा रही है। इसी के साथ ही यह ख़बर भी आयी थी कि वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी श्रेणियों में किराये में दी जाने वाली छूट भी जल्द ही बहाल कर दी जायेगी। परन्तु शायद यह ख़बर मीडिया के दुष्प्रचार या सत्ता के आई टी सेल की ओर से चुनाव पूर्व चलाये जाने वाले ‘अफ़वाह अभियान ‘ का ही एक हिस्सा थी। (Train Ticket Concession Rules 2022)

क्योंकि चुनाव बीत जाने के बाद और कई राज्यों में भाजपा की ही सरकार बनने के बावजूद अभी तक न तो रेल गाड़ियां अपनी पूरी क्षमता के साथ चल सकी हैं।और न ही रेल यात्री किराये में मिलने वाली छूट बहाल की जा सकी है। बल्कि ठीक इसके विपरीत पिछले दिनों रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के हवाले से समाचार पत्रों में यह निराशा जनक ख़बर ज़रूर पढ़ने को मिली कि रेल यात्री किराये में बुज़ुर्गों को दी जाने वाली छूट पर लगी पाबन्दी बरक़रार रहेगी।

सरकार क्या वरिष्ठ नागरिकों को इसी तरह से सम्मान देगी ?

आरक्षित टिकट के अतिरिक्त जहां कहीं रेल के टिकट बुकिंग काउंटर खोले गये हैं वहां से भी सामान्य वरिष्ठ नागरिकों को भी सामान्य रेल डिब्बे में यात्रा करने हेतु मिलने वाली छूट नहीं दी जा रही है। सवाल यह है कि सरकार क्या वरिष्ठ नागरिकों को इसी तरह से सम्मान देगी ? अभी भी देश की तमाम ट्रेन्स के अनेक छोटे स्टेशन्स के स्टॉपेज ख़त्म कर दिये गये हैं इससे भी गांव व क़स्बाई लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।

उधर सरकार ने स्टॉपेज ख़त्म कर ट्रेन को विशेष श्रेणी में डाल कर उसका किराया भी बढ़ा दिया है। इससे भी तमाम यात्रियों को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदिगी में काफ़ी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसी के साथ ही चुनवोपरांत का एक और तोहफ़ा सरकार द्वारा डीज़ल व पेट्रोल की क़ीमत में दो दिन तक लगातार 80-80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी कर एवं घरेलू एल पी जी गैस के मूल्य में 50 रूपये प्रति सिलिंडर का इज़ाफ़ा कर, आम जनता को दे दिया गया है। (Train Ticket Concession Rules)

संभावना जताई जा रही है कि कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी की वजह से शायद तेल व गैस के दाम अभी और बढ़ेंगे। सरकार ने सत्ता में वापसी के लिये ग़रीबों की एक नई ‘लाभार्थी श्रेणी ‘ तैयार कर दी है जो कुछ दिनों मुफ़्त का राशन लेकर सरकार को वोट देने को राज़ी है। तो क्या सरकार की नज़रों में लाभार्थियों के सामने वरिष्ठ नागरिकों का कोई मूल्य या सम्मान नहीं ? कम से कम रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के रेल यात्री किराये में बुज़ुर्गों को दी जाने वाली छूट पर लगी पाबन्दी बरक़रार रखने जैसे बयान से तो यही ज़ाहिर होता है। रेल मंत्रालय के इस फ़ैसले को यदि ‘चुनवोपरांत सरकार का वरिष्ठ नागरिकों पर प्रहार’ कहा जाये तो ग़लत नहीं होगा ? (Train Ticket Concession New Rules)

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Sameer Saini

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