India News (इंडिया न्यूज़), UCC:  देश में यूसीसी के मुद्दे पर सभा राजनीतिक पार्टियां अपनी राय रख रही हैं। 3 जुलाई को हुई यूसीसी पर संसदिय कानून कमेटी की बैठक के बाद संसद और कमेटी के सदस्य सुशिल मोदी ने पहले ही साफ कर दिया है कि आदिवासियों को यूसीसी से दूर रखने का विचार है। लेकिन इसमें अभी भी कई तरह की अटकलें लगी हुई हैं।

‘समुदाय को विशेष अधिकार मिलते रहेंगे’

वहीं, समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर कुछ आदिवासी समूहों के विरोध के बीच भाजपा सांसद और पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष समीर ओरांव ने विश्वास व्यक्त किया कि समुदाय को विशेष अधिकार मिलते रहेंगे। झारखंड से ताल्लुक रखने वाले आदिवासी सांसद ओरांव ने समुदाय के उत्थान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों को रेखांकित किया और कहा कि उनके जैसा नेता यह सुनिश्चित करेगा कि उनके लिए बने विशेष कानून समाप्त नहीं हों।

यूसीसी का आदिवासी कर रहे विरोध

बता दें कि यूसीसी का मु्द्दा जैसे ही देश में उठा और प्रधानमंत्री ने इस विषय का पूरजोर समर्थन करते हुए कहा थी कि देश एक कानून से चलना चाहिए। इसके बाद देश के मुस्लिम समेत आदिवासी समूह के लोग इस पर अपना विरोध जताने लगे। भारत के झारखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर राज्य के आदिवासी संगठन इस पर अपना विरोध जाता रहे है। आदिवासियों की माने तो उनके नियम और रीति- रिवाज कुछ अलग है।

‘पांचवीं और छठी अनुसूची के तहत विशेष अधिकार प्राप्त’

वहीं बीजेपी नेता ने कहा कि आदिवासियों और जनजातीय क्षेत्रों को उनके रीति-रिवाजों से संबंधित नियमों के अलावा संविधान की पांचवीं और छठी अनुसूची के तहत विशेष अधिकार प्राप्त हैं क्योंकि उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के प्रयास करते समय उन्हें विशेष विशेषाधिकार देना आवश्यक समझा गया था। ओरांव ने कहा कि जिनके पास इसे लेकर कोई भी विचार है, उन्हें विधि आयोग को सूचित करना चाहिए। विधि आयोग ने विभिन्न हितधारकों की राय मांगी है और उसकी रिपोर्ट की प्रतीक्षा करनी चाहिए।